गुरुवार को मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। NHAI के परियोजना निदेशक ने बताया कि हाईवे के हर एक किलोमीटर पर कैमरे लगाए जाएंगे और 22 प्रमुख चौराहों पर विशेष निगरानी होगी। इस दौरान 16 फ्लाईओवरों का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ, जिनका निर्माण जल्द शुरू होगा। मंडलायुक्त ने बरेली-शाहजहांपुर सेक्शन पर भी इसी तरह का प्रस्ताव केंद्र से मंजूर कराने के निर्देश दिए।
यातायात उल्लंघन पर सीधे चालान
एटीएमएस सिस्टम से जुड़ने के बाद यातायात नियमों की अनदेखी पर वाहन नंबर ट्रेस कर चालान सीधे मोबाइल नंबर या वाहन के रजिस्ट्रेशन पते पर भेजा जाएगा। बैठक में हुए यह प्रमुख निर्णय:
बिना हेलमेट दोपहिया चालकों पर सख्ती: सभी एआरटीओ (प्रवर्तन) और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए कि बिना हेलमेट चलने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाए। ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार कार्य: PWD व NHAI को सभी मुख्य मार्गों पर क्रेन, एंबुलेंस, साइनेज, रिफ्लेक्टर, रंबल स्ट्रिप और ब्लिंकर लगाने के निर्देश मिले। डॉयल 112 कर्मियों को मिलेगा रोड सेफ्टी प्रशिक्षण: एसपी ट्रैफिक मोहम्मद अकमल खान को निर्देश दिए गए कि वे रोड सेफ्टी एक्सपर्ट डॉ. एसके सूरी के साथ मिलकर 112 पर तैनात कर्मियों को प्रशिक्षित करें।
गोवंश होंगे गोशालाओं में शिफ्ट
बैठक में डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि बरेली-शाहजहांपुर मार्ग पर निराश्रित गोवंश सड़क पर बैठे रहते हैं, जिससे हादसे होते हैं। मंडलायुक्त ने मीडियन और क्रैश बैरियर लगाने तथा गोवंश को सुरक्षित गोशालाओं में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
सड़क हादसों की बड़ी वजह – हेलमेट न पहनना
संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रणव झा ने वीडियो प्रेजेंटेशन में बताया कि बरेली में अधिकांश मौतें पीछे या किनारे से टक्कर की वजह से हो रही हैं। जबकि बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में सबसे अधिक हादसे दोपहिया वाहनों की टक्कर से हो रहे हैं। अधिकांश चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था।
डीआईजी अजय साहनी ने दिए सख्त निर्देश
ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान: डीआईजी अजय साहनी ने कहा कि ई-रिक्शा से जाम और अराजकता की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे में थानों को निर्देश दिए गए हैं कि ई-रिक्शा चालकों का चरित्र सत्यापन और डीएल की जांच कर अभियान चलाएं। खतरनाक मोड़ों पर सुरक्षा इंतजाम: बदायूं के खतरनाक मोड़ और ब्लाइंड स्पॉट्स पर रंबल स्ट्रिप, साइनेज व क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए गए। वाहनों पर मालिक और ड्राइवर की पहचान स्पष्ट हो: हर ई-रिक्शा पर वाहन स्वामी का नाम, चालक का नाम, डीएल नंबर, आधार और वाहन फिटनेस की जानकारी लिखी पट्टिका लगाई जाएगी।