बताया जा रहा है कि गोलीकांड में फरार चल रहा अमित राठौर लंबे समय से शहर में छिपा हुआ था। वह लगातार मुठभेड़ की आशंका से डरा हुआ था और कोर्ट में समर्पण की फिराक में था। इस बीच वह एसओजी टीम के हत्थे चढ़ गया, जिसने उसे रुहेलखंड चौकी पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन पुलिस ने उसे लॉकअप में बंद करने के बजाय चौकी पर बैठा दिया और खुद कहीं चले गए। इसी का फायदा उठाकर अमित मौके से फरार हो गया और सीधा कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव और थाना बारादरी प्रभारी धनंजय पांडेय की जांच में चौकी पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई, जिसके आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी।
सात आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट, अन्यों पर भी कार्रवाई तय
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए इन सातों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। थानाध्यक्ष बारादरी धनंजय पांडेय की रिपोर्ट पर बुधवार को यह कार्रवाई दर्ज की गई। गिरोह का मुखिया सौरभ राठौर घोषित किया गया है। इसके अलावा रजत राठौर, हिमालय राठौर, अमित राठौर, अभिषेक उर्फ तमंचा और गोपाल मिश्रा के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
8 दिसंबर 2024 को जोगी नवादा में अधिवक्ता रीना सिंह के पति लखन राठौर और उनके देवरों पर जानलेवा हमला किया गया था। हमलावरों ने अवैध असलहों से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस मामले में सौरभ राठौर, शिवम राठौर, अभिषेक, लालू पटेल, आकाश राठौर, टिंकू राठौर और विशाल राठौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।