5 से 10 हजार में कनेक्शन, न खंभा न सुरक्षा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली कनेक्शन लेने के लिए उनसे 5,000 से 10,000 रुपये तक की रकम ली गई। भुगतान करने के बावजूद उन्हें न तो उचित ढांचा मिला और न ही सुरक्षा। जिन गलियों में बिजली पोल तक नहीं लगाए गए, वहां भी लोगों के घरों में कनेक्शन और मीटर लगे हुए हैं।एक गली में आठ कनेक्शन, पर एक भी खंभा नहीं
करगैना गोटिया की एक गली में निरीक्षण के दौरान कम से कम आठ ऐसे घर मिले, जहां खंभे के बिना ही बिजली कनेक्शन दे दिए गए हैं। इन घरों की निकटतम खंभे से दूरी 50 मीटर से अधिक पाई गई। इस गली में सभी कनेक्शन बांस के सहारे टंगे हुए हैं। जब इस बारे में अधिकारियों से सवाल किए गए, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। मुख्य अभियंता से संपर्क करने पर उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया और अधीक्षण अभियंता से बात करने की सलाह दी।नेटवर्क कंपनियों के खंभों पर खींच दी गई बिजली की लाइनें
जांच में यह भी सामने आया कि कुछ स्थानों पर बिजली विभाग ने नेटवर्क कंपनियों द्वारा अपने केबल्स के लिए लगाए गए खंभों का इस्तेमाल बिजली आपूर्ति के लिए कर लिया। इन पोल्स को बिजली विभाग द्वारा बिना अनुमति के इस्तेमाल में लाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभागीय संसाधनों की कमी की पूर्ति गलत तरीकों से की जा रही है।बांसों पर टिके तार, हर वक्त बना रहता है खतरा
बिना खंभे के दिए गए कनेक्शनों में बिजली की लाइनें हवा में झूलती रहती हैं, जो अक्सर टूटकर गिर भी जाती हैं। कई जगहों पर लोगों ने खुद से बांस और बल्लियां लगाकर इन्हें थाम रखा है। यह अस्थायी समाधान जहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी है, वहीं किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।अधिकारी बोले- “जांच कराई जाएगी”
पूरे मामले पर अधीक्षण अभियंता ग्रामीण ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा,“मैं बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हूं, लेकिन यदि इस प्रकार की शिकायतें हैं तो सभी कनेक्शनों की जांच कराई जाएगी।”