पुराने गांव से एक किमी की दूरी पर बना नया गांव
ये परिवार अब तक बावड़ी कला में ही थे, लेकिन फिर इन्होंने अपना अलग राजस्व गांव बनाना तय किया। इसका नाम भी इन्होंने छाछरो प्रस्तावित किया, जिसको राज्य सरकार की ओर से स्वीकार कर लिया गया। करीब 100 हैक्टेयर क्षेत्रफल में इस गांव में 362 की जनसंख्या है। पुराने गांव से एक किमी की दूरी पर ही यह नया गांव बसा है।जयपुर से चलने वाली 2 ट्रेन 16 दिन तक रहेगी रद्द, सफर से पहले जरूर पढ़ें ये काम की खबर
यह है मेरा नया छाछरो
हमारे परिवार ने 1971 में भारत का साथ दिया था। पाकिस्तान के मुख्य कस्बे छाछरो के हम तात्कालीन जागीरदार थे। हवेली भी थी। यहां आकर बसे तो मान सम्मान में कमी नहीं रही। यहां आकर चौहटन के प्रधान रहे। परिवार के सदस्य पंच-सरपंच व अन्य पदों पर रहे। राजस्व गांव अलग से बन रहा था तो मन में लगा कि छाछरो नाम दे तो ठीक रहेगा। बस, यह प्रस्ताव भेजा। सरकार ने मान लिया, हम ताउम्र शुक्रगुजार रहेंगे।-पदमसिंह सोढ़ा, राजस्व गांव, छाछरो