वर्तमान में सरकार ने मूंगफली का समर्थन मूल्य 6 हजार 783 रुपए प्रति क्विंटल तय कर रखा है, जबकि मंडी में देशी मूंगफली का बाजार भाव 4500 से 5500 तक ही बोले जा रहे हैं। पिछले साल की तुलना में बाजार भाव 2 हजार से कम हैं। व्यापारियों की मानें तो पिछले साल का स्टॉक खत्म नहीं होने से आगे मूंगफली की डिमांड कम है। इससे भाव में गिरावट है। अक्टूबर, 2024 में पहले जरूर 7 हजार तक के भाव बोले जा रहे थे, लेकिन इसके बाद गिर गए।
क्रय विक्रय सहकारी समिति कर्मचारियों ने बताया कि सरकार ने चौमूं में 866 किसानों से मूंगफली जिंस की तुलाई करना निर्धारित किया है। जिसमें 23 हजार क्विंटल की खरीद की जाएगी। सरकार की ओर से 6 हजार 783 प्रति क्विंटल का भाव तय है। इस बार किसान समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचान में रुचि दिखा रहे हैं। महज 8 दिन में किसान 8 हजार 650 मूंगफली की बोरियों की तुलाई करवा चुके हैं। वहीं 355 किसानों ने मूंगफली बेचान के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा दिए है, जबकि पिछले साल की बात की जाए तो समर्थन मूल्य पर मूंगफली तुलाई का आंकड़ा शून्य रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि बाजार भाव कम होने से किसान सरकार कांटे तक पहुंच रहे हैं।
मंडी में आवक भी घटी
मंडी में बाजार भावों में गिरावट से कृषि उपज मंडी में मूंगफली की आवक भी कम हो गई है। करीब एक डेढ़ सप्ताह पहले जहां मंडी में किसान 20 से 25 हजार बोरी लेकर पहुंच रहे थे। वहीं अब महज 8 से 10 हजार बोरी ही पहुंच रही है। व्यापारियों ने बताया कि भाव गिरने से किसान मंडी में कम पहुंच रहे हैं।वेयर हाउस में पिछले साल का स्टॉक
नवीन मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल मूंगफली का 5800 से 7000 हजार प्रति क्विंटल रहा था। एम-13 भी 8 हजार से 14 हजार तक बिक्री थी, लेकिन इस बार भावों में गिरावट देखी जा रही है। इसके पीछे वेयर हाउसों में पिछले सालों का स्टॉक पड़ा है। इससे आगे डिमांड नहीं है, जिससे भावों में गिरावट है। चौमूं में बने वेयर हाउस की बात की जाए तो तकरीबन 70-80 हजार क्विंटल का स्टॉक पड़ा है।1500 से 2000 टूटे भाव, किसान नाखुश
किसानों ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी बढिया भाव मिलने की उम्मीद में मूंगफली जिंस की बुवाई की थी, लेकिन इस बार भावों ने साथ नहीं दिया। यहां चौमूं परिक्षेत्र में 4 हजार 449 हैक्टेयर में मूंगफली की बुवाई की थी। वहीं झोटवाड़ा कृषि विस्तार की बात की जाए तो 8 हजार 7 हैक्टेयर में बुवाई शामिल है।इनका कहना है
पिछले साल की तुलना एवं समर्थन मूल्य से मंडी में मूंगफली का भाव कम बोला जा रहा है। व्यापारी आगे डिमांड नहीं बता रहे है। आवक भी 50 फीसदी कम हो गई है।
चुन्नीलाल स्वामी, सचिव, कृषि उपज मंडी चौमूं