यह दृश्य देखकर कई लोग स्तब्ध रह गए हैं। जहां कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को सनातन धर्म का अपमान बताया है, वहीं अब देश की मशहूर भजन गायिका और पद्मश्री सम्मानित अनुराधा पौडवाल ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।
बोलीं- ये बकवास बंद करो
सिंगर अनुराधा पौडवाल ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भक्ति और श्रद्धा का अपमान बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “ये बकवास बंद करो!”
गौरतलब है कि अनुराधा पौडवाल ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन कर राजनीति में कदम रखा है और वह लंबे समय से भक्ति संगीत की एक सम्मानित आवाज रही हैं। उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है, न कि मनोरंजन और अश्लीलता का मंच।
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या यही सनातन धर्म की छवि है जो आज के युवा प्रस्तुत कर रहे हैं? एक यूजर ने लिखा, “क्या भोलेनाथ के दरबार में भी ऐसे डांस होते थे? ये भक्त हैं या धर्म का मजाक उड़ाने वाले कलाकार?” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “कांवड़ यात्रा भक्ति और संयम की प्रतीक रही है, लेकिन अब यह ‘रंग-बिरंगे डीजे शो’ में बदल गई है। इससे तो धर्म ही बदनाम हो रहा है।”
एक महिला यूजर ने लिखा, “ऐसे लोगों की वजह से असली श्रद्धालु और कांवड़ यात्रा की गरिमा दोनों ही सवालों के घेरे में आ जाते हैं। ये कृत्य श्रद्धा नहीं, सस्ती लोकप्रियता है।”
क्या कहता है धर्म और समाज?
धार्मिक विद्वानों का मानना है कि कांवड़ यात्रा का उद्देश्य भगवान शिव के प्रति आस्था प्रकट करना और संयम का पालन करना होता है। लेकिन अब कुछ तत्व इस पवित्र परंपरा को तमाशा और अश्लील प्रदर्शन का मंच बना रहे हैं। इससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि पूरे समाज में गलत संदेश जाता है।
प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन और आयोजकों की ओर से ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं है? क्या पवित्र यात्राएं सिर्फ मनोरंजन का साधन बनकर रह जाएंगी? समाजशास्त्रियों का मानना है कि धार्मिक आयोजनों में इस तरह की घटनाओं पर सख्त नियंत्रण और जनजागरूकता की आवश्यकता है।