ड्यूटी पर तैनात CO को धक्का देकर मतगणना कक्ष में घुसे
वर्ष 2003 में बस्ती-सिद्धार्थनगर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र का MLC चुनाव था। इस चुनाव की बस्ती सदर तहसील सभागार में गणना तीन दिसंबर 2003 को हुई। मतगणना में 124 वोटों से भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल के जीतने की घोषणा हुई। आरोप था कि इसी दौरान सपा प्रत्याशी कंचना सिंह, उनके पति आदित्य विक्रम सिंह, मो. इरफान, बृजभूषण सिंह, त्रयंबक पाठक, अशोक सिंह, संजय जायसवाल और महेश सिंह अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मतगणना स्थल पर आए और ड्यूटी पर तैनात सीओ को धक्का देकर मतगणना कक्ष में घुस गए। और कक्ष में बवाल मचाते हुए कई मतपत्र भी उठा ले गए।
3-3 वर्ष के कारावास व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की मिली सजा
इस मामले में RO की ओर से कोतवाली पुलिस ने पांच आईपीसी, 7 सीएलए व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में आठ नामजद सहित 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। मुकदमे में कुल 10 गवाह बनाए गए। गवाही और चार्जशीट के आधार पर ACJM द्वितीय की अदालत ने तीन-तीन वर्ष के कारावास व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी थी।
अपर कोर्ट ने भी अपील खारिज कर भेजा जेल
लोवर कोर्ट की सजा के खिलाफ कंचना सिंह ने 20 मई 2023 को ADJ/MP, MLA कोर्ट में अपील की। 29 अप्रैल 2025 को कोर्ट ने अपील खारिज कर दी। सभी आठ आरोपियों में से कंचना सिंह और बृजभूषण सिंह की मौत हो चुकी है। एक आरोपी पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह बीमार चल रहे हैं। पांच आरोपी पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व प्रमुख त्रयंबक पाठक, पूर्व प्रमुख महेश सिंह, अशोक कुमार सिंह व मो. इरफान की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने जेल भेज दिया। मंगलवार शाम सभी को जिला कारागार में निरुद्ध करा दिया गया।