हल्के और जेंटल फेसवॉश से करें दिन की शुरुआत
मानसून में चेहरा अधिक बार ऑयली हो जाता है, इसलिए सुबह सबसे पहले स्किन को एक माइल्ड, जेंटल और सल्फेट-फ्री फेसवॉश से धोएं। ये त्वचा की गहराई से सफाई करता है और एक्स्ट्रा ऑयल को हटाता है, बिना नेचुरल मॉइश्चर छीनें। फेसवॉश में नीम, चाय की पत्तियां (टी ट्री) या एलोवेरा जैसे इंग्रेडिएंट्स हों तो यह पिंपल्स और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
टोनर का इस्तेमाल ना भूलें
बारिश के मौसम में ओपन पोर्स और एक्स्ट्रा ऑयल प्रॉब्लम को कंट्रोल करने के लिए टोनर बेहद ज़रूरी है। टोनर स्किन को बैलेंस करता है और पोर्स को टाइट करता है, जिससे गंदगी अंदर नहीं जा पाती। गुलाब जल, खीरा या विच हैज़ल जैसे नैचुरल टोनर को सुबह के रूटीन में शामिल करना स्किन को तरोताजा बनाए रखता है।
मॉइस्चराइजर लगाएं, लेकिन लाइटवेट
लोग अक्सर सोचते हैं कि मानसून में मॉइस्चराइजर की जरूरत नहीं होती, लेकिन ऐसा नहीं है। नमी से भरे मौसम में भी स्किन को हाइड्रेशन की ज़रूरत होती है। बस ध्यान रखें कि मॉइस्चराइजर ऑयल-फ्री और लाइटवेट हो, ताकि स्किन पर चिपचिपापन न लगे और रोमछिद्र बंद न हों।
सनस्क्रीन लगाना बिल्कुल न भूलें
भले ही बादल छाए हों या धूप न दिख रही हो, UV किरणें मौजूद रहती हैं। इसलिए SPF 30 या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं। मानसून में जलवायु बदलती रहती है और यही बदलाव स्किन को डैमेज कर सकता है। सनस्क्रीन स्किन को टैनिंग और एजिंग से बचाने में मदद करता है।
मेकअप को रखें मिनिमल
मानसून में भारी मेकअप स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि नमी से मेकअप बहने लगता है और पोर्स बंद हो सकते हैं। कोशिश करें कि सुबह सिर्फ BB क्रीम, टिंटेड लिप बाम और वाटरप्रूफ मस्कारा जैसे लाइट मेकअप प्रोडक्ट्स ही लगाएं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।