Bharatpur News: भरतपुर के ग्राम पैघोर हाल निवासी प्रिंस नगर निवासी माया देवी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के अध्यक्ष एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को पत्र लिखकर पुत्र को नौकरी दिलवाने जाने की मांग की है। पत्र में महिला माया देवी ने लिखा है कि मेरे पति स्व. जवाहर सिंह सीआरपीएफ में थे। उनका आसाम से नीमच कोर्स में जाते समय देहांत हो गया, तब मेरा पुत्र महज तीन माह का था। इसलिए उसके 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर अनुकंपा नौकरी का आश्वासन दिया गया।
उसके वयस्क होने पर सीआरपीएफ से बुलावा आया। अजमेर सीआरपीएफ सेंटर में उसे मेडिकल अनफिट कर दिया। अब मेरा पुत्र लगातार 4 साल से प्रयास कर रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। नौकरी नहीं मिलने पर मेरे बेटे ने 2023 में पानी की टंकी पर चढकर प्रदर्शन किया, तब पूर्व केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने उसे नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया।
इसके बाद वर्ष 2024 में सात दिन तक अर्द्धसमाधि ली। इस दौरान आसपास के गांवों की पंचायत बुलाई गई। इसमें जिला कलक्टर ने भी आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद भी नौकरी नहीं मिली। ऐसे में मेरा पुत्र दर-दर की ठोकर खाने का विवश है। परेशान होकर मेरे पुत्र ने राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु का पत्र भी लिखा । इसके बाद 22 मई को रात को हमारे घर दो पुलिस की गाड़ियां आईं। इसमें मौजूद पुलिसकर्मियों ने पुलिस अधिकारियों की ओर से बुलाने की बात कही। पुलिस ने मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन मेरे बेटे को नौकरी देने की बजाय उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया गया। इससे पहले पुलिस ने मुख्यमंत्री से मिलाने और नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था।
महिला माया देवी ने पत्र में लिखा है कि परिवार में आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है। महिला ने बेटे को नौकरी दिलाने की मांग की है, जिससे वह परिवार का पालन- पोषण बेहतर तरीके से कर सके।