दरअसल, डीग जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 ने मंगलवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने डीग SP को मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारी से कराने और जांच फाइल कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। बुधवार को पहाड़ी CEO गिर्राज प्रसाद मीणा को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कोर्ट में याचिका दायर, कही ये बात
बता दें, हेबतका गांव की रहने वाली असमीना ने कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनका पति तारीफ अलवर की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। वह ईद के लिए घर आया था। 11 अप्रैल को गोपालगढ़ थाने का ASI राधाचरण और 5 अन्य लोग उनके घर आए। उन्होंने तारीफ को घसीटकर बाहर निकाला। जब असमीना और परिवार वालों ने उसे बचाने की कोशिश की, तो पुलिस ने पूरे परिवार की पिटाई की और तारीफ को गाड़ी में डालकर थाने ले गए। उसी दिन शाम 4 बजे थानाधिकारी मनीष शर्मा 40 लोगों के साथ असमीना के घर पहुंचे। उन्होंने असमीना के चाचा फारुख के घर में घुसकर तोड़फोड़ की। जब असमीना ने रोका, तो मनीष शर्मा ने उसे भी पीटा।
SP-IG ने नहीं सुनी थी गुहार
वहीं, 12 अप्रैल को पुलिस ने तारीफ को थाने से रिहा किया, लेकिन तब तक उसके दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो चुके थे। सीकरी अस्पताल में जांच से पता चला कि उसके दोनों पैर टूट गए हैं। इसके बाद तारीफ को इलाज के लिए जयपुर ले जाया गया। असमीना ने इसकी शिकायत डीग SP राजेश मीणा और IG राहुल प्रकाश से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, 30 अप्रैल को उन्होंने कामां कोर्ट में थानाधिकारी मनीष शर्मा, कांस्टेबल साहिल खान, रूपन कुमार, हेड कांस्टेबल विनोद, हितेश, ASI राधाचरण, पूरे थाने के पुलिसकर्मियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ याचिका दायर की।
कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि इस मामले में थाने के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, इसलिए जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए। अब जांच के बाद पूरी फाइल कोर्ट में पेश की जाएगी। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। मामले की जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसकी पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।