ये जादू की डिबिया है – विजय बैंसला
विजय बैंसला ने कहा किए मसौदा है, मैंने खोला भी नहीं है। ये जादू की डिबिया है, इसमें से मूसा (चूहा) भी निकल सकता है और हाथी भी, लेकिन वो कहते हैं न नाई-नाई कितने बाल, वो अभी सामने आ जाएगा।सामाजिक संगठन पर कोई दबाव नहीं होता – अतुल प्रधान
यूपी के सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि आप सभी को राजस्थान और दिल्ली की सरकार सुन रही है। यहां जो भी फैसला लेंगे, वह सभी जगह सुने जाएंगे। एक होते हैं, सामाजिक संगठन और दूसरे होते हैं, दल का संगठन। राजनीतिक दल में बैठे नेता की मजबूरी होती है, वह अपने संगठन के बारे में नहीं बोल पाता। सामाजिक संगठन के व्यक्ति के पास कोई दबाव नहीं होता। सरकारों ने धोखा दिया है, इसलिए आप यहां आप यहां आए हो।‘आपके पास विजय सिंह बैंसला व सचिन पायलट हैं’
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की विरासत के रूप में आपके पास विजय सिंह बैंसला हैं। राजेश पायलट की विरासत के रूप में आपके पास सचिन पायलट हैं। महापंचायत में बयाना विधायक डॉ. ऋ तु बनावत, मेरठ यूपी के विधायक अरुण प्रधान, डॉ. रूपसिंह, एडवोकेट अतरसिंह, कैप्टन जगराम, दीवान शेरगढ़, भूरा भगत, श्रीराम बैंसला, विष्णु शेरगढ़, हरीराम अमीन, वीपी जहाजिया आदि मौजूद रहे। मंच संचालन अतर सिंह महरावर एवं एडवोकेट अतरसिंह ने किया।स्टेशन पर रोकनी पड़ी ट्रेन
पीलूपुरा में गुर्जर समाज के आंदोलन ने सिर्फ रेलवे ट्रैक नहीं रोका, बल्कि सैकड़ों मुसाफिरों की रफ्तार भी थाम दी। बयाना और हिण्डौन के बीच दो घंटे तक रेल यातायात पूरी तरह ठप रहा। भीषण गर्मी के दो ट्रेनें रास्ते में रोक दी गईं। मथुरा-सवाई माधोपुर पैसेंजर आंदोलन स्थल पर खड़ी रही, जबकि बांद्रा-बरौनी अवध एक्सप्रेस को फतेहसिंहपुरा स्टेशन पर रोकना पड़ा। इसके अलावा कुछ अन्य ट्रेनों का भी रूट बदलना पड़ा।
बैंसला बोले : जल्द जारी होगी चिट्ठी
महापंचायत के बाद का गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला पीलूपुरा से निकल रहे थे, कुछ युवाओं ने उन्हें रोक लिया। विजय बैंसला ने कहा कि आप पटरी पर नहीं बैठे। 9वीं अनुसूची की चिट्ठी जल्द जारी हो जाएगी और कैबिनेट स्वीकृति आ जाएगी। बाकी छोटे-मोटे काम इस महीने के जून में पहले हफ्ते में बैठक हो जाएगी सारे काम करवा लेंगे।80 दिन से सिकंदरा में दे रहे धरना
जिन युवाओं ने महापंचायत के निर्णय का विरोध कर ट्रैक जाम किया था, वे दौसा के सिकंदरा में गुर्जर व एमबीसी समाज के 372 युवा 80 दिन से नियुक्ति के लिए धरना दे रहे हैं। धरना अभी भी चल रहा है। समझौते के तहत इन्हें भर्ती दी जानी थी। आरोप है कि सरकार ने सुनवाई नहीं की। रीट 2018 के 372 पदों और रीट 2021 के 233 पदों पर नियुक्ति की मांग के लिए सिकंदरा में धरना चल रहा है। साथ ही पशु चिकित्सा भर्ती 2019 और आरजेएस भर्ती से जुड़ी कुछ मांगें हैं।Gurjar Mahapanchayat : जवाहर सिंह बेढम की अपील, गुर्जर समाज अपने प्रतिनिधियों के नाम भेजें, सरकार करेगी बातचीत
भरतपुर से कब-कब सुलगी आरक्षण आंदोलन की आग…
1- भरतपुर जिले से आरक्षण आंदोलन का पुराना नाता रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर से शुरू हुए आंदोलन राज्य व देश स्तर पर फैले हैं। 2006 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की मांग उठी। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मुखिया के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुर्जरों के लिए ओबीसी के इतर एसटी वर्ग में आरक्षण देने की मांग की। यह आंदोलन पूरे जिले में चला।2- वर्ष 2007 में 21 मई को गुर्जर समाज ने फिर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन का बिगुल बजाया। पीपलखेड़ा पाटोली केन्द्र रहा। यहां से गुजरने वाले राजमार्ग को आंदोलनकारियों ने बंद कर दिया।
3- 23 मार्च 2008 भरतपुर जिले के पीलुकापुरा गांव से गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू किया गया। यहां से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। पुलिस फायरिंग में 7 आंदोलनकारी मारे गए।
4- 2010 व 21 मई 2015 को फिर से गुर्जरों ने आरक्षण आंदोलन किया।
5- जून 2022 में माली, सैनी, कुशवाहा और मौर्य समुदाय के लोगों ने हाईवे पर पड़ाव डाला।
6- 2023 में माली, सैनी, कुशवाहा और मौर्य समुदाय के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर जिले में ही आगरा-बीकानेर नेशनल हाईवे जाम किया था।
7- फरवरी 2016 में भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आंदोलन किया था। इसके बाद जनवरी 2024 में भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने महापड़ाव डाला।
समाज की मुख्य मांग
1- गुर्जर समाज की मुख्य मांगें हैं कि एमबीसी आरक्षण विधेयक को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।2- आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए समझौते की सही तरीके से पालना की जाए।
3- सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए।
4- देवनारायण योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए।
5- आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाए।
6- आंदोलन के मारे गए मृतकों को शेष आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति मिले।
7- रीट भर्ती 2018 में शेष 372 पदों पर नियुक्त किया जाए।