एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि 5 अक्टूबर 2024 को डॉ. विनिता गुप्ता ने सुपेला थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वर्ष 2023 में उसकी पहचान आरोपी सिद्धार्थ गौडा से हुई थी। आरोपी ने खुद को एक बड़े हॉस्पिटल प्रोजेक्ट से जुड़ा बताते हुए हैदराबाद में नया प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही। उसने भरोसा दिलाया कि डॉ. विनिता गुप्ता को डायरेक्टर पद मिलेगा। इस प्रोजेक्ट में निवेश करने पर दोगुना लाभ का झांसा दिया। उसके झांसे में आकर विनिता गुप्ता ने 60 लाख रुपए निवेश कर दिया।
फर्जी साइट और फर्जी दस्तावेज दिखाया
टीआई विजय यादव ने बताया कि सिद्धार्थ गौडा ने फर्जी साइट और दस्तावेज दिखाया। विनिता को नहीं पता चला कि दस्तावेज फर्जी है। उसने डॉ. विनिता को भरोसे में लिया और उसके अकाउंट से 60 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिया। लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी आरोपी उसे गोलमोल जवाब देकर झांसा देता रहा। तब विनिता को संदेह हुआ।
अन्य लोगों के साथ भी की है धोखाधड़ी
टीआई ने बताया कि मामले की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी सिद्धार्थ गौडा के खिलाफ थाना गाचीबावली, साइबराबाद (तेलंगाना) में भी दो प्रकरण दर्ज है। आरोपी ने वहां भी इसी तरह का झांसा देकर
ठगी की थी। पुलिस टीम ने हैदराबाद जाकर आरोपी की तलाश की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल किया।