एक सुंदर लड़की की डीपी लगे वॉट्सऐप या टेलीग्राम नंबर से आपको एक मैसेज आएगा। इसमें आपको ऑफर देगी कि यूट्यूब के चैनल को सब्सक्राइब करने हर सब्सक्रिप्शन पर 50 रुपए मिल जाएंगे। शुरुआत में आपको तीन टास्क मिलेंगे। चैनल लिंक दिया जाएगा। आप बताए गए चैनल को सब्सक्राइब करेंगे। तीन चैनल सब्सक्राइब करने के बाद आपको यह ठग एक ग्रुप में जोड़ देगा। हां आपसे बैंक डिटेल मांगी जाएगी।
सबसे पहले ये समझ लीजिए
यूट्यूब कंटेंट को वेरीफाई करने के बाद ही उसका मॉनीटाइजेशन शुरू करता है। ऐसे में फिलहाल देशभर में ऐसी कोई लीगल कंपनी या फर्म नहीं है जो यूट्यूब के चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कराने के लिए पैसे दे। हालांकि कुछ मीडिया कंसलटेंसी कंपनियां यह कार्य कराती है, लेकिन यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। ऐसे में आपको मिल रहे फर्जी मैसेज सीधे तौर पर
ठगों का जाल है।
बढ़ती जाएगी सब्सक्रिप्शन फीस
ठगों ने युवाओं को टारगेट कर उन्हें लूटने के लिए ठगी का नया तरीका खोज लिया है। एक बार आपको 150 रुपए मिलने के बाद आपको ठग पर भरोसा हो जाएगा। जैसे ही आप ठग के कॉन्फीडेंस में आएंगे, वह आपको नए-नए टारगेट देता जाएगा। कुछ दिन के बाद चैनल सब्सक्राइब करने की रकम बढ़ेगी। कुछ दिन में चैनल सब्सक्राइब करने के काम से इतर यह आपको एक थर्ड पार्टी ऐप से जोड़ेंगे। ऐप में लिंक करते ही आपका मोबाइल फोन ठक द्वारा रिमोर्ट अपरेट किया जाएगा। इस तरह थोड़ी सी लापरवाही से आपका खाता खाली जाएगा।
क्या करना है जरूरी
वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर ऐसे मैसेज मिलने पर ठग से बातचीत करने के बजाए उसे इगनोर करें। हो सके तो नंबर ब्लॉक कर दें। किसी भी ऐसे वॉट्सऐप या टेलीग्राम ऐप से नहीं जुड़े जिसे आप नहीं जानते। यूट्यूब और फेसबुक पर वीडियो देखते वक्त मिलने वाले लिंक को ओपन नहीं करें। इसमें बताए गए लिंक से ऐप डाउनलोड हो सकता है, इसलिए एक ट्रिक से भी बचें। मैसेज इनबॉक्स में मिले लिंक को ओपन करने से बचें। इससे आपका मोबाइल रिमोट एक्सेस किया जा सकता है।
अब लोग फोन पर जल्दी बहकावे में नहीं आते। ऐसे में ठग उन बुजुर्गों और ग्रहणियों को टारगेट करते हैं जो यूट्यूब पर कंटेंट देख रहे होते हैं। उनकी सर्च हिस्ट्री से भी ठगी हो सकती है।
अचानक किसी भी यूपीआई ऐप से यदि आपके खाते में पैसे आ गए हैं तो उसे वापस करने से पहले थोड़ा समय लीजिए। पहले ये वेरीफाई कीजिए कि कहीं ये फ्रॉड तो नहीं है। यह एक फार्मला है, जिससे ठग आपका खाता खाली कर सकता है।
किसी को भूलकर भी अपना यूपीआई पिन और सीवीवी कोड या ओटीपी नहीं बताएं। बैंक कभी अपने ग्राहक से यह जानकारियां नहीं मांगता है। किसी भी तरह के लालच में ना आएं। ऐसी वेबसाइट या पोस्ट पर क्लीक नहीं करें, जो ट्रस्टेड नहीं लग रही है। नहीं तो आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। सावधानी ही आपको ठगी से बचाएगा। – विजय अग्रवाल, एसएसपी दुर्ग