जिले की आबोहवा इन दिनों सांस लेने लायक नहीं है। हालांकि भीलवाड़ा शहर व आसपास का क्षेत्र येलो जोन में है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में एयर क्वालिटी इंडेक्स 231 दर्ज किया गया है। प्रदूषण बढ़ने से हवा में जहरीले कण बढ़ गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इकाइयों को कई तरह से सुझाव देती है। हालांकि इसकी पालना प्रोसेस हाउस संचालक कर रहे हैं। फिर भी वे पूरी तरह से नियमों की पालना नहीं करते हैं।
इस कारण चिमनी काला धुआं उगलने से पीछे नहीं रहती है। यही कारण है कि चित्तौड व मांडल रोड का प्रदूषण नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण हवा जहरीली होती जा रही है। इसके चलते सांस और अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ रही है।
ईंट भट्टों से हालात खराब मांडल व हलेड़ मार्ग पर समेत अन्य जगह पर अवैध रूप से ईंट भट्टे चल रहे हैं। इन्हें बंद कराने के लिए मांडल विधायक उदयलाल भडाणा ने विधानसभा में सवाल उठाया था। हालांकि इन्हें बंद कराने का जिला प्रशासन ने आदेश दिए थे। उसकी पालना पूरी तरह से नहीं हो पाई है।
बढ़ गया एक्यूआई बीते दिनों से हवा कुछ स्वच्छ हुई थी, लेकिन दो दिन से सर्दी बढ़ने के कारण गुरुवार को एक्यूआई 178 से बढ़कर 291 तक पहुंच गया था जो शुक्रवार को एक्यूआई गिरकर, जहां 237 पर पहुंचने के बाद ऑरेंज जोन में आ गया है।
कर रहे कार्रवाई प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। काला धुआं उगल रही फैक्ट्रियों की भी जांच कर रहे है। दीपक धनेटवाल, क्षेत्रीय अधिकारी आरपीसीबी प्रतापनगर क्षेत्र की स्थिति
दिनांक एक्यूआई पीएम श्रेणी
- 17 नवंबर 89 10 ग्रीन
- 18 नवंबर 83 25 ग्रीन
- 19 नवंबर 162 25 यलो
- 20 नवंबर 178 25 यलो
- 21 नवंबर 291 25 ऑरेंज
- 22 नवंबर 237 25 ऑरेंज