जल संसाधन विभाग के अनुसार नगर विकास न्यास ने नहर पर रामप्रसाद लढ़ा नगर में भूखंड संख्या एसईसी-3-1 आवंटित किया। भूखंड के एक छोर से नहर गुजर रही है। भूखंड धारक को लाभ देने की नीयत से नहर का अलाइमेंट परिवर्तित कर भूखण्ड के बाहर से नहर का निर्माण कर दिया गया।
अधिकारी ने दी झूठी रिपोर्ट अतिक्रमण को लेकर जल संसाधन खंड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता छोटूलाल कोली ने 22 व 30 मई 2024 को जांच रिपोर्ट में सिंचाई विभाग की नहर खसरा संख्या 7433 पर किसी तरह का अतिक्रमण न होने की बात कही थी। विभाग के अधिकारियों ने इसे गलत माना। उच्च अधिकारियों एवं विभाग को गुमराह करने का प्रयास किया।
भूखंड धारक ने दिया था शपथ पत्र भूखंड धारक आरजे फिनलीजप्रा.लि ने शपथ के साथ 50 हजार रुपए जमा कराए। यह राशि बतौर सिक्योरिटी जल संसाधन विभाग में जमा हुई। नहर के साथ छेड़छाड़ करने तथा नई नहर बनाने के बाद यह सिक्योरिटी राशि 8 फरवरी 2023 को लौटा दी गई। इस बेशकीमती भूखंड की कीमत करोड़ों में है।
राजस्व रिकॉर्ड में नहर के नाम दर्ज राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर पुर के खसरा संख्या 7433 क्षेत्रफल 0.1138 हेक्टेयर व खसरा संख्या 7431 क्षेत्रफल 0.1012 हेक्टेयर भूमि सिंचाई विभाग के नाम नहर के रूप में दर्ज है। इस पर नगर विकास न्यास एवं अन्य ने अतिक्रमण कर रखा है। इसका खुलासा नहरों के निरीक्षण में हुआ। इसमें नहर की भूमि खसरा संख्या 7433 पर योजना में आवंटित भूखंड के मालिक का कब्जा है। भूखंड के अंदर से गुजर रही नहर को भर दिया। जमाबंदी के अनुसार नहर खसरा संख्या 7433 व 7431 में एक सीध में होकर गुजर रही थी।
मेरी जानकारी में नहीं है नहर का अलाइमेंट बदलने का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। पहले कभी हुआ है तो इसकी जानकारी करवाता हूं। छोटूलाल कोली, अधिशाषी अभियंता, जल संसाधन खंड प्रथम, भीलवाड़ा