कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीके जैन ने बताया कि बनेड़ा पंचायत समिति के कालसांस गांव में नकली खाद की बिक्री की सूचना मिली। गुलाबपुरा के कृषि सहायक निदेशक प्रभुलाल जाट व अन्य अधिकारियों को मौके पर भेजा। टीम ने टायर पंचर की दुकान पर खाद की बिक्री पकड़ी। कालसांस निवासी मिश्रीनाथ खाद बेच रहा था। दुकान की तलाशी में 10 बैग डीओपी तथा 9 बैग एनपीके के मिले। यह बैग डीएपी की तरह प्रिंट करवाकर बेचे जा रहे थे। एक बैग की कीमत 1300 से 1350 रुपए ले रहा था जबकि वास्तविक कीमत 600 रुपए है। पंचर की दुकान घर के बाहर की खोल रखी थी।
उदयपुर से आ रहा डीओपी खाद खाद नव किसान बोयोकेम झालर की घाटी कानपुर मादडी, तहसील गिर्वा उदयपुर से मंगवाए गए। कम्पनी गुजरात की है। प्रथम दृष्टया गलत पैंकिग व बिना लाइसेंस के खाद बेचते मिला। 19 बैग को जब्त कर ग्राम सेवा सहकारी समिति खेडलिया के सह व्यवस्थापक अनिलकुमार जाट के सुपुर्द किए। जब्त उर्वरक के नमूने लिए।
किसान हो रहे भ्रमित खाद के बैग पर डीओपी इस तरह से प्रिंट करवाया जैसे डीएपी लिखा रहता है। किसान प्रिंट पर ध्यान नहीं देता है। खाद का अवैध व्यापार करने वाला गिरोह इस तरह का खाद बाजार में बेचते है। मिश्रीनाथ ने डीओपी खाद राजेन्द्र व ओमवीर नव किसान बायोंकेम गिर्वा उदयपुर से खरीदना बताया। कम्पनी की ओर से उर्वरक की आड में अवैध उर्वरक का कारोबार किया जा रहा है। किसानों के साथ धोखाधडी की जा रही। विभाग ने अवैध व नकली खाद विपणन कर्ता एंव निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। अधिकारियों ने राजेन्द्र व ओमवीर से सम्पर्क किया तो दोनों का फोन स्वीच ऑफ था। टीम में सहायक निदेशक उषा मीणा, किशन गोपाल जाट, कृषि अधिकारी रमेश चौधरी, कृषि अधिकारी (फसल) प्रभु लाल जाट, कृषि अधिकारी (पौ.सं.) भगवत सिंह राणावत तथा अन्य कार्मिक शामिल थे।