मामले की सीबीआइ जांच में भी यह सामने आया है कि तनुश्री होम्स के संचालक रवि साहू द्वारा बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाला किया गया। सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है।
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लोन का फर्जीवाड़ा 2006 से 2009 के बीच किया गया। तत्कालीन बैंक मैनेजर एएस हेंगड़े और सहायक मैनेजर भोपाल शाखा रविंदर कुमार द्वारा लोन को मंजूरी दी गई थी। इसमें प्लॉट के ले-आउट, कॉलोनाइजर लाइसेंस और जमीन से जुड़े किसी दस्तावेज को चेक किए बगैर ही लोन की मंजूरी दे दी गई। इतना ही नहीं उधार लेने वालों की केवाईसी और अन्य जरूरी दस्तावेज भी नहीं देखे गए।