पिछले छह दिनों से सक्रिय मानसून से देश में अब तक 33 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के मुताबिक,
गुरुवार को पूर्वोत्तर के शेष इलाकों और फिर सिक्किम होते हुए पश्चिम बंगाल के हिमालयी इलाकों में पहुंचा। हालांकि, अब इसकी रफ्तार कुछ कम हो गई है।
यह भी पढ़ें : पीएम किसान सम्मान निधि में आया नया अड़ंगा, जांच में अटकी किसानों की अगली किस्त मौसम विशेषज्ञोें ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने दबाव वाले इलाके सागर द्वीप से होते हुए मानसून बांग्लादेश की ओर बढ़ेगा। यह डिप्रेशन देश के उत्तरी इलाके में आते मानसून को विपरीत दिशा में खींचेगा जिसका असर दो-तीन दिनों में दिखाई देगा। इससे मानसून की स्पीड हो जाएगी।
प्रदेश में इसके 10 जून के बाद ही प्रवेश करने की संभावना
मध्यप्रदेश में ऐसे में मानसून का इंतजार बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार 1-2 जून के आसपास इसकी गति धीमी पड़ सकती है। मानसून पर 8-10 दिन का ब्रेक लग सकता है, जिससे प्रदेश में इसके 10 जून के बाद ही प्रवेश करने की संभावना है।
मप्र से सटे छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में 12 दिन पहले सक्रिय
इससे पहले मानसून तूफानी रफ्तार से आगे बढ़ा था। केरल में यह 8 दिन पहले आया जबकि मुंबई में तो 16 दिन पहले ही पहुंच गया। मप्र से सटे छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में मानसून 12 दिन पहले सक्रिय हो गया था। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि अभी मानसून घूमेगा यानि कर्व लेगा। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार से होते हुए प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से से प्रवेश करेगा।