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भोपाल मेट्रो(Bhopal Metro) के लिए तैयार किए ट्रैक की तकनीकी जांच आरडीएसओ के विशेषज्ञ करेंगे। भोपाल मेट्रो ने इसके लिए आरडीएसओ को पत्र लिख दिया है। उक्त जांच के बाद यदि कोई सुधार के सुझाव आते हैं तो उन पर अमल किया जाएगा और फिर कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी को पत्र भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया जुलाई के अंत तक पूरी होने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी से यदि कोई सुझाव नहीं मिलते हैं तब तो सितंबर के पहले भोपाल को मेट्रो की सौगात मिल जाएगी।
एक नजर में भोपाल मेट्रो
उक्त परियोजना को नवंबर 2018 में मंजूरी मिली। भोपाल मेट्रो की दोनों लाइन की कुल वास्तविक लंबाई लगभग 30 किलोमीटर है और इसके 30 स्टेशनों में ये 2 भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। जिसकी लागत 10 हजार 033 करोड़ रुपए है। शुरुआत में यहां 3 कार वाली कुल 27 ट्रेनें चलेंगी। भविष्य में मेट्रो की कार संख्या बढ़ाकर 6 जाएंगी। ऑरेंज लाइन-करोंद चौराहा से एम्स साकेत नगर तक और ब्लू लाइन- भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा तक होगी। मेट्रो डिपो सुभाष नगर में बनाया है।