बता दें, सीबीआइ ने मई 2024 में प्रदेश के 169 अनसूटेबल नर्सिंग कॉलेजों(MP Nursing Scam) को सूटेबल बताया था। इनमें राजधानी के चार कॉलेज भी थे, जिनके पास न तो खुद की बिल्डिंग थी और न ही लैब और अस्पताल थे। हाईकोर्ट ने जांच पर सवाल उठाए और सभी सूटेबल कॉलेजों की जांच के आदेश दिए। सरकार ने 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी।
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एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया है कि कई आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। एक वर्ष पहले तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने लगभग 110 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन केवल 70 के खिलाफ ही आरोप-पत्र जारी किए गए हैं। चेतावनी दी कि यदि मामले की निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई और सभी दोषियों को सजा नहीं मिली तो एनएसयूआइ प्रदेशभर में आंदोलन करेगी।