एमपी के जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों के टीचर्स के लिए नया साल सौगातों भरा साबित होगा। विभाग के उच्च माध्यमिक टीचर्स अब हाईस्कूल प्रिंसीपल बन सकेंगे। टीचर्स को इस पद पर प्रमोट किया जा सकेगा। सेवा शर्तों में संशोधन के बाद यह मुमकिन हो पा रहा है।
यह भी पढ़ें: एमपी में खत्म हुआ रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा, दो लोगों को नहीं बेच सकेंगे जमीन, मकान या प्लॉट शासकीय शिक्षक संगठन ने करीब 3 माह पहले इसके लिए पहल की थी। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विभाग के कमिश्नर श्रीमन शुक्ला से भी मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांग से अवगत कराया। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल के अनुसार कमिश्नर ने बताया कि सेवा शर्तों में सुधार कर दिया गया है। इस संबंध में 2—3 दिनों में गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: एमपी में 38 गांवों को मिलाकर बनेगा नया महानगर, गजट नोटिफिकेशन के साथ शुरु हो गई कवायद मध्यप्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राकेश दुबे व पदाधिकारियों ने बताया कि जनजातीय कार्य विभाग के टीचर्स को प्रिंसीपल नहीं बनाया जा रहा था, यहां तक कि प्रभार भी नहीं दिया जा रहा। सेवा शर्तों में भूलवश हुई एक कमी के कारण यह दिक्कत आ रही थी। इन टीचर्स को किस पद पर प्रमोट करना है, यह ही स्पष्ट नहीं था। टीचर्स और संगठन की लगातार मांग के बाद आखिरकार सेवा शर्तों में संशोधन कर दिया गया है। गजट नोटिफिकेशन के साथ ही इन टीचर्स के प्रमोशन की राह भी खुल जाएगी।
यह भी पढ़ें: एमपी में कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था में बड़ा बदलाव, 20 तारीख से लागू होगा नया आदेश बता दें कि एमपी में शिक्षक संवर्ग में करीब 2 लाख 87 हजार टीचर्स हैं। इनमें जनजातीय कार्य विभाग में करीब 53 हजार टीचर हैं। विभाग में करीब 10 हजार उच्च माध्यमिक टीचर पदस्थ हैं।