केंद्र सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8768 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है लेकिन एमपी के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। बाजार में मूंग महज 5000 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 5500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर ही बिक रही है। राज्य में मूंग की सरकारी खरीदी नहीं होने से व्यापारी भी भाव नहीं बढ़ा रहे।
बहन के लिए मांगी मौत की सजा, राजा की मां के गले मिलकर फूट फूट कर रोया सोनम रघुवंशी का भाई प्रदेश में तीसरी फसल के रूप में गर्मियों में मूंग बोई जाती है जिसका रकबा तेजी से बढ़ा है। इस साल मूंग का रकबा करीब 12 लाख हेक्टेयर है। प्रमुख रूप से नर्मदापुरम संभाग के अलावा राज्य के करीब दो दर्जन जिलों में मूंग का उत्पादन किया जाता है। किसानों के मुताबिक मूंग की लागत प्रति एकड़ 7 से 8 हजार रुपए रुपए पर पहुंच गई है जबकि बाजार में काफी कम कीमत मिल रही है। पिछले साल मूंग करीब 8000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर बिकी थी जबकि इस बार प्रति क्विंटल करीब 3 हजार रुपए का घाटा हो रहा है।
किसानों के इस नुकसान को जहां कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है वहीं किसान संगठन भी सक्रिय हैं। किसान संघ के नेतृत्व में तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर और ज्ञापन देकर प्रदेश में मूंग उड़द की खरीदी करने की मांग की गई थी। प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना का आरोप है कि व्यापारियों से मिलीभगत कर किसानों को लूटा जा रहा है। उन्होंने इसका कड़ा प्रतिकार करने की भी चेतावनी दी।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी ने भी मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग की। उन्होंने तीन दिन बाद इस मामले में प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।
सीएम के बयान के बाद प्रदेश में मूंग खरीदी की आस बढ़ गई
किसानों और किसान संगठनों के बढ़ते दबाव के बाद राज्य सरकार ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई। अब स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आगे आए हैं। उन्होंने इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री से चर्चा करने की बात कही है। सीएम के बयान के बाद प्रदेश में मूंग खरीदी प्रारंभ होने की आस बढ़ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि – प्रदेश सरकार सदैव किसान हितैषी निर्णय लिए जाने के लिए जानी जाती है। ऐसे में मूंग खरीदी को लेकर कोई विषय आया है और इस सिलसिले में केंद्रीय कृषि मंत्री से बात कर रहे हैं… किसान संघ से भी बात करेंगे। हमारी सरकार संवेदनशील सरकार है और सभी मामले संवाद के माध्यम से हल करेंगे।