प्रदेश की राजधानी
भोपाल में कोरोना के नए वेरिएंट के 28 मरीज मिले हैं। 44 नमूनों की जीनोम सिक्वेसिंग में मिले। संक्रमितों में लक्षण बेहद हल्के और घबराने की जरूरत नहीं है। अब पुराने वेरिएंट एलएफ-7 का असर कम हुआ है। इसके पहले प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के केस सामने आए थे। सबसे ज्यादा ग्वालियर और जबलपुर में मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से कोरोना वायरस से बचने जारी गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।
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एक्सपर्ट्स के अनुसार, अबतक ऐसा कोई सबूत नहीं, जो दिखाए कि एक्सएफजी के कारण अधिक गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति बन रही है। हालांकि, इस एक्सवायजी में इम्युनिटी को चकमा देकर चुपचाप फैलने की इसकी क्षमता यदि और बढ़ती है तो चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि यदि इन वैरिएंट पर अभी बारीक नजर नहीं रखी गई तो ये आगे चलकर जोखिम पैदा कर सकते हैं।
डरने की बात नहीं
विशेषज्ञों का ये भी कहा कहना है कि, जितने भी वैरिएंट सामने आ रहे हैं ये सभी ओमिक्रॉन वैरिएंट और सब-वैरिएंट हैं। भारत में इनकी वृद्धि कम है और मृत्यु दर भी काफी कम है। इन वैरिएंट से जुड़ा कोई बड़ा खतरा नहीं है।