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भोपाल

किसानों पर 662 करोड़ का कर्ज, जमा नहीं करने पर बने डिफाल्टर, अब एक पैसा भी नहीं मिलेगा

Farmers have a huge debt of Rs 662 crore बैंक सख्ती से वसूली की तैयारी कर रहा है। किसानों को अब तहसीलदार के माध्यम से नोटिस जारी करवाए जाएंगे।

भोपालFeb 10, 2025 / 08:30 pm

deepak deewan

Farmers have a huge debt of Rs 662 crore

Farmers have a huge debt of Rs 662 crore

एमपी के अन्नदाता कर्ज तले दबे जा रहे हैं। प्रदेश के बालाघाट जिले में चालू वित्तीय वर्ष में ही किसानों ने करीब 662 करोड़ का कर्ज लिया जिसकी अदाएगी भी नहीं कर पा रहे हैं। अब रबी फसल के लिए भी किसानों को ढाई सौ करोड़ रुपए की दरकार है। किसान कर्ज के बोझ से ऐसा दबा है कि इसे चुकाने के लिए राशि ही नहीं निकाल पा रहा है। राशि जमा नहीं करने पर हजारों किसानों को जिला सहकारी बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है जिससे उन्हें अब एक पैसा भी नहीं मिलेगा। इधर बैंक सख्ती से वसूली की तैयारी कर रहा है। किसानों को अब तहसीलदार के माध्यम से नोटिस जारी करवाए जाएंगे।
मध्यप्रदेश में शासन प्रशासन कृषि को लाभ का सौदा बनाने की बात कहते थकते नहीं है लेकिन बिना क़र्ज़ लिए किसान कृषि कार्य नहीं कर पा रहा। सहकारिता विभाग के आंकड़े देखें तो बालाघाट जिले का अन्नदाता कर्ज के बोझ तले लगातार दबता चला जा रहा है। यह स्थिति तब है जब किसानों के हितार्थ दर्जनों योजनाएं चलाने का दावा किया जाता है।
बालाघाट जिले में 1 से 6 साल तक ऋण नहीं जमा करने वाले किसानों के आंकड़े दहला रहे हैं। जिले के 29 हजार किसान क़र्ज़ के बोझ तले दबे हुए हैं जिन पर 86 करोड़ का बाकी चल रहा है। किसानों की आय दोगुनी और किसान समृद्ध व खुशहाल बनाने का नारा बेमानी साबित हो रहा है।
ऋण वसूली को लेकर जिला सहकारी बैंक सीईओ आरसी पटले ने किसानाें से अपील भी जारी है। सीईओ पटले के अनुसार ऋण अदाएगी न करने वाले किसान किसी भी संस्था से कर्ज नहीं ले सकते हैं। ऐसे में उनका वित्तीय विकास रूक जाता है। उन्होंने कहा कि किसान शासन की एक मुश्त समझौता जमा योजना का लाभ लेकर भी ऋण जमा कर सकते हैं। इसमें किसानों को रियायत भी मिलती है और वे कालातीत किसान भी नहीं कहलाते हैं।
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इन योजनाओं पर मिलता है ऋण
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजना के अनुसार किसानों को ऋण मुहैया कराया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। किसानों को ऋण देने के लिए सरकार और बैंक कई तरह की योजनाएं चलाते है। इनमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री कृषि ऋण योजना, केद्रीय ब्याज अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं शामिल है।
29 हजार किसान डिफाल्टर घोषित
बालाघाट जिले में हर वर्ष करीब 98 प्रतिशत किसानों से ऋण जमा करवा लिया जाता है। शेष दो प्रतिशत किसान रह जाते हैं, जिन्हें डिफाल्टर (कालातीत) की सूची में रखा जाता है। ऐसे 01- 06 साल तक कर्जदार किसानों की संख्या जिले में करीब 29 हजार है। इन 29 हजार किसानों पर ही करीब 86 करोड़ का ऋण शेष है।
लिंकिंग से कर रहे वसूली
सीईओ पटले के अनुसार वसूली के मामले में जिला सहकारी बैंक की स्थिति अच्छी है। बैंक वसूली के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा है। किसानों से वसूली के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
जिले के एक लाख से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेची है। इनके भुगतान के पूर्व किसानों का खाता लिंकिंग कर कर्ज राशि जमा करवाई जा रही है। शेष राशि किसानों को दी जा रही है। पटले के अनुसार करीब 73 हजार किसानों की 257 करोड़ की लिंकिंग कार्य किया गया है। इससे करीब 126 करोड़ की ऋण वसूली की गई है।
फैक्ट फाइल
जिले में पंजीकृत किसान: 01 लाख 29 हजार
चालू वित्तीय वर्ष में दिया गया कर्ज: 662 करोड़
257 करोड़ की लिंकिंग में वसूली: 126 करोड़ की
डिफाल्टराें की सूची में शामिल किसान: 29 हजार
डिफाल्टर किसानों पर बकाया: 86 करोड़ का

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