सौरभ शर्मा पर परिवहन विभाग में नौकरी के दौरान अवैध कमाई का आरोप है। उसने अकूत धन कमाया और कई बेनामी संपत्तियां खरीदीं। वह बिल्डर भी बन गया। लोकायुक्त की छापेमारी के बाद उसकी कई संपत्तियों का खुलासा हुआ था। 52 किलो गोल्ड और करोड़ों के कैश के साथ आयकर विभाग ने भी एक गाड़ी पकड़ी थी।
सौरभ शर्मा के कारण पत्नी दिव्या तिवारी और मां उमा शर्मा भी फंस गई हैं। पत्नी दिव्या तिवारी अपने पति के साथ 41 दिनों तक फरार रहीं थीं। काली कमाई से बनी संपत्ति के मामले की जांच ईडी भी कर रही है और उसने दिव्या तिवारी के बयान दर्ज कर लिए हैं।
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अर्श से फर्श पर पहुंचा भोपाल का बड़ा बिल्डर, रिश्तेदारों के नाम पर बनाई प्रॉपर्टी भी अटैच हुईं सौरभ की मां उमा शर्मा के खिलाफ तो धोखाधड़ी व लोक सेवक को शपथ दिलाकर झूठा बयान देने के आरोप में केस भी दर्ज कर लिया गया है। सौरभ के पिता सरकारी चिकित्सक थे। सन 2015 में पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर विभाग में नौकरी पाने के लिए झूठा हलफनामे दे दिया। इस केस में मां बेटे पर सिरोल थाने में मामला दर्ज किया गया है।
सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) की ओर से शनिवार को लोकायुक्त कोर्ट में वकील ने जमानत का आवेदन लगाया। इस आवेदन पर अब 2 अप्रैल को सुनवाई होगी। वकील का कहना है कि 60 दिन पूरे होने के बाद भी लोकायुक्त पुलिस चालान पेश नहीं कर सकी है। इसलिए जमानत दी जाए।
सौरभ सहित तीनों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया। इस केस में लोकायुक्त पुलिस, आयकर विभाग और ईडी अलग अलग जांच कर रहे हैं। ईडी कोर्ट में 11 अप्रैल को चालान पेश करने की बात कही गई है।