कारोबारियों की माने तो फसल अच्छी उतरने के कारण गत वर्ष से आम 8 से 10% तक सस्ते हैं। इस समय बाहर से आने वाले आम रस के रूप में उपयोग हो रहे हैं तो कच्चे आम अचार के लिए मांगे जा रहे हैं।
250 टन तक की आवक
थोक फल कारोबारी संतोष गुप्ता बताते हैं, आम की फसल तीन से चार माह तक चलती है। एक तरफ की आवक बंद होने से दूसरी तरफ से आवक शुरू हो जाती है। मंडी में अभी दूसरे प्रदेशों से रोजाना 225 से 250 टन आम आ रहा है। उन्होंने बताया, यूपी के मलीहाबाद, सारंगपुर लाइन से लंगड़ा, सफेदा, चौसा, दशहरी आम आ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि सर्वाधिक पसंद किया जाना वाला बादाम गत वर्ष थोक में 50 से 55 रुपए किलो बिक रहा था, वह इस साल 40 से 45 रुपए किलो बिक रहा है। थोक के साथ खुदरा में बादाम 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है। गत वर्ष 60/65 रुपए थोक में बिकने वाला केसर इस बार थोक में 100 से 120 रुपए किलो तक है।
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एक आकलन के अनुसार, इस साल उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन लगभग 35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 25 लाख मीट्रिक टन था। इस साल आम के पेड़ों में 100 प्रशित फूल आए। साल 2024 में पूरी दुनिया में आम का उत्पादन 25 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच गया। इसमें से लगभग आधा उत्पादन भारत में हुआ।
चीन 3.8 मिलियन मीट्रिक टन और इंडोनेशिया 3.6 मिलियन मीट्रिक टन के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। उत्तर प्रदेश भारत के कुल आम उत्पादन में लगभग 20% का योगदान करता है। प्रदेश में भी हर साल आम की पैदावार में बढ़ोतरी हो रही है।