कल से शुरू हो रहा पचमढ़ी महोत्सव
नर्मदापुरम जिले में स्थित पचमढ़ी एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है। इन दिनों पचमढ़ी में फेस्टिव सीजन रहता है। 7 दिन का पचमढ़ी महोत्सव टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र होता है। 26 दिसंबर 2024 यानी कल गुरुवार से यहां फेस्टिव वीक शुरू हो जाएगा, जो 1 जनवरी 2025 तक मनाया जाएगा। इस फेस्टिव वीक में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (MP Famous Tourist Place) पचमढ़ी ( Pachmarhi) में ‘पचमढ़ी महोत्सव’ ( Pachmarhi Mahotsav) का आयोजन होगा. यह फेस्टिवल 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी 2025 तक एक सप्ताह तक मनाया जाएगा, जिसमें एडवंचरल एक्टिविटीज (Adventure Activities) से लेकर एमपी के कल्चरल ईवेंट्स (Cultural Events) टूरिस्ट का मजा दोगुना कर देते हैं।ये एक्टिविटीज होंगी खास
पर्यटक स्टार गेजिंग, बर्ड वॉचिंग, पोलो गार्डन ट्रेल, नेचर वॉक, ट्रैकिंग, पचमढ़ी ऑन साइक्लिंग, बटरफ्लाई पार्क एक्टिविटी, टेम्पल वॉक, हैरिटेज वॉक, बोन फायर नाइट केम्पिंग, नाइट ट्रैकिंग, रॉक आर्ट पेंटिंग वॉक, फूड फेस्टिवल (पारंपरिक एवं मिलेट्स), आर्मी बेंड प्रस्तुति, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति, अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी, पचमढ़ी रन, बॉलीवुड सिंगर इशिता विश्वकर्मा के गीतों की प्रस्तुति, जुम्बा एवं एक शाम संगीत के नाम जैसे ईवेंट्स आयोजित किए जाएंगे।ये हैं पचमढ़ी की बेस्ट लोकेशन्स, जहां घूमकर आ जाएगा मजा
बी फॉल्स: पचमढ़ी का बी फॉल्स एक प्राकृतिक वॉटर फॉल है। पहाड़ों और घने जंगलों के बीच पानी की सफेद धाराओं को गिरते देखना अपने आप में ही बेहद रोमांचक पल बन पड़ता है। जीप में सवार होकर आप आसानी से यहां पहुंचकर अपने कैमरे या मोबाइल से फोटो क्लिक कर सकते हैं।जटा शंकर गुफाएं
जटा शंकर की गुफाएं एक पौराणिक कहानी सुनाती हैं। माना जाता है कि ये गुफाएं ही थीं जब भगवान शिव भस्मासुर के क्रोध से बचने के लिए यहां छिप गए थे। कहा जाता है कि गुफाओं में एक बड़ी चट्टान की छाया में छिपा हुआ एक प्राकृतिक शिवलिंग है, वास्तव में वही भगवान शिव हैं। इसलिए इन गुफाओं को पवित्र माना जाता है।
पचमढ़ी बस स्टेशन से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए टूरिस्ट को पहले एक किलोमीटर का ट्रेक पार करना होगा और फिर कुल 150 सीढ़ियां उतरनी होती हैं।
पांडव गुफाएं
पांडव गुफा कई बौद्ध मंदिरों का घर है जो आसपास की चट्टानों में ही उकेरे गए हैं। अगर आपको धार्मिक स्थल ज्यादा रास आते हैं, तो ये गुफाएं आपको जरूर अट्रैक्ट करेंगी। पौराणिक कथा के मुताबिक जब पांचों पांडवों को उनकी मातृभूमि से भगा दिया गया था, तो यहां के मंदिर और गुफाएं ही उनकी शरण स्थली बने। मंदिरों का निर्माण नौवीं शताब्दी में किया गया था और उनके अंदरूनी हिस्सों में कुछ आश्चर्यजनक कलाकृतियां और अलंकरण थे। पांडव गुफाएं पचमढ़ी बस स्टेशन से 2 किमी दूर स्थित हैं। आप यहां पैदल भी जा सकते हैं और स्थानीय बस या जीप के माध्यम से भी।धूपगढ़
धूपगढ़ पचमढ़ी आने वाले टूरिस्ट के लिए बेस्ट लोकेशन्स में से एक है। 1352 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है। सनसेट प्वॉइंट के नाम से मशहूर धूपगढ़ पर ढलते सूरज की सुरमयी, सिंदूरी शाम देखने टूरिस्ट की भीड़ उमड़ती है। पचमढ़ी से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धूपगढ़ पर पहुंचने के लिए टूरिस्ट जीप के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।हांडी खोही
पचमढ़ी का एक टूरिस्ट प्लेस है हांडी खोही, दो हरी-भरी विशाल पहाड़ियां जो 300 फीट गहरे V आकार में एक वैली का निर्माण करती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कभी झील हुआ करती थी। लेकिन एक विशाल सांप के प्रकोप के कारण ये झील सूख गई। लोगों की मान्यता है कि यह झील इस क्षेत्र की संरक्षक थी। यहां आने वाले टूरिस्ट लंबी पैदल यात्रा, घुड़सवारी और अन्य एक्टिविटीज का मजा भी लिया जा सकता है।महादेव हिल्स
अगर आप एक पीसफुल और रोमांचक जगह की तलाश कर रहे हैं, तो महादेव हिल्स आपको बहुत पसंद आएगा। एक विशाल बलुआ पत्थर की पहाड़ी, 1,363 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ती है और टूरिस्ट को जंगलों और घाटियों में नजर आने वाली नेचुरल खूबसूरती का दीवाना बना देती हैं। यह एक प्राचीन शिव मंदिर भी है और कुछ गुफाओं के लिए भी फेमस है। पचमढ़ी से महादेव पहाड़ियों तक पहुंचने के लिए 33 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं कार से यात्रा करते समय करीब 53 मिनट लगते हैं।