सहकारी बैंकों को लेकर जताई चिंता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं दूसरों की बात तो ज्यादा नहीं जानता, लेकिन मध्यप्रदेश के बार यही कहना चाहता हूं कि 4536 प्राथमिक सहकारी समितियां है। उसमें से 3800 यानी 80 प्रतिशत प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसायटी पूरी तरह से आज ओवरड्यू हो चुकी हैं। वह भारी घाटे में हैं। वहां पर चुनाव भी नहीं हो रहे हैं। 38 जिला सहकारी बैंक में 13 बैंकों की हालत तो ऐसी है कि वहां से 2 हजार रुपए भी अपने सदस्यों को नहीं दे सकते।
दरअसल, राज्यसभा में सहकारिता के बिल पर चर्चा चल रही थी। जिसमें कहा गया कि कई राज्यों में भाजपा की डबल इंजन की सरकारें हैं। वहां सहकारी समितियों के चुनाव नहीं कराए जाते हैं। प्रशासक नियुक्त कर दिए जाते हैं। उसके माध्यम से सहकारी समितियों में जैसा वह चाहते हैं, मनमाना निर्णय कराते हैं।

अमित शाह पर साधा निशाना
पूर्व सीएम ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि एमपी में डबल इंजन की सरकार है। उसमें कानून परिवर्तन करके कहा दिया कि चुनाव न हों तो कोई बात नहीं, अनंत काल तक प्रशासक के बैठने का अधिकार दे दिया गया। यह है देश में सहकारिता के हालात। मंत्री अमित शाह जी, जो सरदार पटेल का दूसरा रूप बनना चाहते हैं। एमपी में अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक पर गबन की 12 बार शिकायत हुई हैस, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।