प्रदेश के इंदौर के एक सरकारी स्कूल में यह वारदात हुई। यहां चौथी क्लास की छात्राओं का शोषण किया गया। स्कूल के टीचर्स ने ही उनका मानसिक उत्पीड़न किया। पीड़ित छात्राओं के परिजनों ने पुलिस को शिकायत करते हुए पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। महिला थाना और एसपी तक शिकायत पहुंचाई तब भी एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक शिकायत भेजी गई।
यह भी पढ़ें : सोनम का जीते जी हरिद्वार में करना होगा पिंडदान, भाई गोविंद रघुवंशी की बड़ी अग्निपरीक्षा छात्राओं के परिजनों के मुताबिक स्कूल के टीचर्स छोटी उम्र की छात्राओं से अश्लील बातें करते हैं। क्लास में उनके साथ बर्बरता से मारपीट करते हैं और मानसिक तौर पर भी उत्पीड़न करते हैं। 23 छात्राओं के परिजनों ने इसकी बाकायदा शिकायत करते हुए टीचरों पर इल्जाम लगाए थे। इसपर अपर कलेक्टर ने महिला एसडीएम को जांच सौंपी जिसमें टीचर्स पर लगे आरोप सही पाए गए।
एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में दोनों आरोपी टीचर्स को मानसिक रूप से विकृत बताया। दोनों को तुरंत बर्खास्त करने की अनुशंसा भी की। एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि दोनों टीचर स्कूल की छात्राओं से अनुचित व्यवहार करते थे, वे अपने पद की गरिमा भी भूल गए। जांच रिपोर्ट में दोनों टीचर्स को बाउंडओवर करने की भी बात कही गई।
PMO ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा
इतने गंभीर आरोपों के बाद भी टीचर्स पर कार्रवाई नहीं होने पर एक RTI एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को शिकायत भेजी। PMO ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मई 2019 में मामले की शिकायत खुडै़ल पुलिस थाना, इंदौर महिला थाना और पुलिस अधीक्षक को की थी। टीचर्स की गंदी हरकतों का ब्यौरा सबूतों के साथ दिया गया था। दोनों टीचर छात्राओं से भद्दी बातें करते थे, बाल खींचते और चांटे मारते थे। तत्कालीन एसडीएम ने जांच के बाद आरोपी टीचर्स को बर्खास्त करने की अनुशंसा की लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दोनों आरोपियों से 1-1 लाख रुपए का बांड भरवाकर छोड़ दिया गया।
इसके बाद भी दोनों टीचर्स की गंदी हरकतें और बढ़ गईं। तब मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ में की गई। अभिभावकों के अधिवक्ता केके कुन्हारे ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मध्यप्रदेश सरकार के सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर संदीप अस्थाना को जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।