प्रदेश से हजयात्रा के लिए आठ हजार लोगों का चुनाव हुआ। ये सभी जिलों से हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने यात्रा पर कुल खर्च तय कर दिया है। दो किस्तों और इस खर्च के बीच जो भी अंतर होगा वह अंतर तीसरी किस्त होगी। जिसे 30 मार्च तक हजयात्रियों को जमा करानी होगी। प्रदेश में दो और देश के सभी राज्यों के 18 पाइंट से हजयात्री मक्का और मदीना के लिए रवाना होंगे। तय खर्च के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में बिहार से हजयात्रा पर जाना सबसे ज्यादा खर्चीला होगा। मुम्बई से यह खर्च सबसे कम है।
पिछले साल के मुकाबले दस हजार की कमी
पिछले साल के मुकाबले हजखर्च में अंतर में दस हजार की कमी आई। यह मुम्बई और भोपाल के बीच है। पिछले साल करीब 65 हजार रुपए राशि ज्यादा थी।
प्रत्येक हजयात्री दो किश्तों में 2 लाख 72 रुपए राशि कर चुका है जमा
हजयात्रा पर जाने वाले हर यात्री से दो किश्तों में 2 लाख 72 हजार 350 रुपए राशि जमा कराई जा चुकी है। कुल हजखर्च और इसके बीच अंतर तीसरी किश्त होगी। ये किश्त 30 मार्च तक जमा करानी है।
प्रदेश से आठ हजार लोग होंगे रवाना, अप्रेल के अंत से यात्रा
प्रदेश से हजयात्रा पर आठ हजार लोग रवाना होंगे। दस लोगों ने आवेदकों में से चुनाव हुआ। यात्रा अप्रेल के अंत से शुरू होगी। प्रदेश में दो भोपाल और इंदौर इसके लिए पाइंट बने हैं। हजयात्रा के खर्च को लेकर प्रदेश हज कमेटी ने अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन लोगों तक इसके मैसेज पहुंचने लगे हैं। कहां से कितना खर्च
- अहमदाबाद 3,24,650/-
- बंगलुरू 3,32,750/-
- भोपाल 3,74,300/-
- कालीकट 3,70,250/
- चेन्नई 3,33,700/-
- कोचीन 3,26,650/-
- दिल्ली 3,27,400/-
- गया 4,01,850/-
- गुवाहाटी 3,93,500/-
- हैदराबाद 3,30,300/-
- इंदौर 3,57,350/-
- जयपुर 3,29,800/-
- कानपुर 3,29,900/-
- कोलकाता 3,58,150/-
- लखनऊ 3,37,350/-
- मुंबई 3,19,600-
- नागपुर 3,36,250/-
- श्रीनगर 3,90,750/