फोन पर घरवालों से कराई बात, फफक पड़े
निरंजन को अपने गांव, तहसील और जिले की पूरी जानकारी है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने टी-स्टॉल वाले की मदद से मोबाइल पर वीडियो कॉल कर बेटे से बात कराई तो निरंजन फफक पड़े। बोले-मुझे घर ले चलो। लेकिन बेटा लौटकर नहीं आया। विदिशा एसपी के निर्देश अंबानगर चौकी प्रभारी ने निरंजन के घर ही पड़ताल कराई। दावा है, जल्द निरंजन को घर भेजा जाएगा।
परिजन बोले-खुद घर छोड़ गए
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निरंजन के परिवार से संपर्क किया। परिवार ने कहा, वे करीब 10-11 साल पहले ही घर छोड़कर गए थे। घरवालों को पता है कि निरंजन भोपाल में हैं। लेकिन किसी की रुचि उन्हें घर लाने में नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सोनी ने बताया, संबंधित थाने की पुलिस उनके घर गई। दबाव में बेटा रितिक यादव भोपाल भी आया, लेकिन पिता को नहीं ले गया। बेटा अब फोन पर भी बात टाल रहा है। कई बार गलत नंबर बताकर कॉल काट रहा है।