scriptबड़ी वारदातों का गढ़ बना बीजापुर, फिर भी मरच्यूरी सिर्फ 12, शवों को रखने के लिए भी जगह नहीं.. | Bijapur News: There is no mortuary to keep dead bodies in Bijapur | Patrika News
बीजापुर

बड़ी वारदातों का गढ़ बना बीजापुर, फिर भी मरच्यूरी सिर्फ 12, शवों को रखने के लिए भी जगह नहीं..

Bijapur News: बीजापुर जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ 12 बॉडी रखने की व्यवस्था है। मरच्यूरी में अगर 12 से ज्यादा बॉडी एक साथ आ जाए तो पुलिस प्रशासन को सीमावर्ती जिलों तक जाना पड़ता है।

बीजापुरApr 11, 2025 / 11:48 am

Laxmi Vishwakarma

बड़ी वारदातों का गढ़ बना बीजापुर, फिर भी मरच्यूरी की सिर्फ 12, शवों को रखने के लिए भी जगह नहीं..
Bijapur News: अमित शाह ने ऐलान किया है कि मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा। इस बीच बस्तर संभाग में सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन बीजापुर में ही हुए हैं। साल 2025 में ही अब तक 83 नक्सली जिले के अलग-अलग इलाकों में मारे गए हैं। सरकार नक्सलियों पर प्रहार तो कर रही है लेकिन उसके बाद की व्यवस्था जिले में सीमित है।

Bijapur News: सिर्फ 12 बॉडी रखने की व्यवस्था

बीजापुर जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ 12 बॉडी रखने की व्यवस्था है। मरच्यूरी में अगर 12 से ज्यादा बॉडी एक साथ आ जाए तो पुलिस प्रशासन को सीमावर्ती जिलों तक जाना पड़ता है। इसी साल 9 फरवरी को जब टेकामेटा में 31 नक्सली मारे गए तो नक्सलियों के शव को जिला मुख्यालय में रखने की जगह नहीं थी। यहां से सुकमा और दंतेवाड़ा के मरच्यूरी के लिए शवों को भेजा गया था। नक्सल घटना के बीच अगर कोई अन्य लाश जिला अस्पताल में आ जाती है तो शव को सुरक्षित रखने की समस्या पैदा हो जाती है।

क्षमता बढ़ाने की मांग की गई है

डॉ. बीआर पुजारी, बीजापुर सीएमएचओ: लगातार नक्सल घटना हो रही है। इस वजह से अस्पताल में मरच्यूरी की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। हमने इसकी मांग शासन से की है। फिलहाल मुख्यालय में 12 और सभी ब्लॉक में कुल 12 बॉडी रखने के लिए मरच्यूरी उपलब्ध है। मुख्यालय में संख्या बढ़ाने के लिए हम प्रयासरत हैं।
यह भी पढ़ें

Bijapur News: सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी, विस्फोटक के साथ दो मिलिशिया सदस्य गिरफ्तार

शिनाख्ती में हफ्तेभर का समय लग जाता है

जिले में अब तक हुई मुठभेड़ों के बाद मारे गए नक्सलियों की पहचान करना और उसके बाद शव को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया में हफ्तेभर से ज्यादा का वक्त लग जाता है। तब तक बॉडी को संभालकर रखने में मरच्यूरी की अहम भूमिका होती है लेकिन जिला मुख्यालय में 12 से ज्यादा शव नहीं रखे जा सकते।

साल 2025 में ही जिले में 83 नक्सली मारे जा चुके

9 जनवरी: सुकमा-बीजापुर बॉर्डर में 3 नक्सली ढेर।

12 जनवरी: बन्देपारा में 7 नक्सली ढेर।

16 जनवरी पुजारी कांकेर में 18 नक्सली ढेर।
2 फरवरी: गंगालूर में 8 ढेर।

9 फरवरी: नेशनल पार्क के टेकमेटा में 31 नक्सली ढेर।

31 मार्च: अंडरी के जंगल में 26 नक्सली ढेर।

हर ब्लॉक में 3 बॉडी रखने की क्षमता

Bijapur News: जिला मुख्यालय के अलावा भोपालपट्टनम में 3, भैरमगढ़ में 3, उसूर में 3 और नेलसनार में 3 शव रखने के लिए मरच्यूरी बनाई गई है। गंगालूर में भी 3 की क्षमता है लेकिन वहां पर मशीन खराब होने की वजह से बॉडी नहीं रखी जा रही है।

Hindi News / Bijapur / बड़ी वारदातों का गढ़ बना बीजापुर, फिर भी मरच्यूरी सिर्फ 12, शवों को रखने के लिए भी जगह नहीं..

ट्रेंडिंग वीडियो