CG News: वन्य जीवों की सुरक्षा व्यवस्था का पोल खुला
जानकारी के मुताबिक
बीजापुर बफर रेंज के कांदुलनार, मोरमेड़, और तोयनार गांवों के बीच घने जंगल में ग्रामीणों द्वारा एक घायल बाघ देखे जाने की सूचना पर वन विभाग सक्रिय हुई। वन विभाग की टीम ने बीजापुर से 25-30 किलोमीटर दूर घायल बाघ को ट्रैंकुलाइज कर उनके पैर में फंसे तार का फंदा हटाया और प्राथमिक उपचार के बाद जख्म की गंभीरता को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए जंगल सफारी भेजा गया। यह घटना वन विभाग की वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत वन्य जीवों की सुरक्षा व्यवस्था का पोल खोल कर रख दिया है।
बाघ के हमले में हुआ था ग्रामीण की मौत
बताया जा रहा है कि पखवाड़े भर पहले इस इलाके में कांदुलनार गांव के सर्वे कुन्ना नामक व्यक्ति की बाघ के हमले में मृत्यु हो गई थी। जानकारी के मुताबिक वह अपने 10-12 अन्य साथियों के साथ घायल बाघ की रेकी करने गए थे इस दौरान बाघ के हमले से सर्वे कुन्ना की मौके पर ही मौत हो गई थी। संभवत: वह शिकारियों की टीम में शामिल था जो बाघ की स्थिति का मुआयना करने के दौरान हमले का शिकार हो गया। वन विभाग की नाकामी उजागर
नक्सलियों का आतंक बता कर आलीशान दफ्तरों में मौज करने वाले वन अधिकारियों के लिए यह घटना बहुत ही अप्रत्याशित है। बाघ की यह हालत इस इलाके में शिकारियों की सक्रियता को उजागर किया है। हाल ही में एक भालू की मौत की घटना भी सामने आया था जो छह महीना पुराना है। यह मामला भी सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद ही वन विभाग को पता चला था।
बाघ के पैरों पर जख्म गंभीर
CG News: बताया जा रहा है कि
आईटीआर के बफर जोन में घायल अवस्था में मिले बाघ के पीछे का दोनों पैर बूरी तरह जख्मी हो गया है। घाव देखने से जख्म कई दिनों पुराना लग रहा है जिससे यही लग रहा है कि बाघ कई दिनों तक घायल अवस्था में शिकार की तलाश में घूमता रहा है। जख्म पुराना होने से घावों में सड़न हो रही थी।