तीन लेवल की मिलेगी जानकारी संबंधित फर्म के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर विशाल व्यास के अनुसार सीवरेज मॉनिटरिंग सिस्टम में सीवरेज चैंबर में मौजूद पानी और सिल्ट की तीन लेवल की जानकारी प्राप्त होती रहती है। इसमें चैंबर के 0 से 50 प्रतिशत पानी के लिए हेल्दी, 50 से 80 प्रतिशत पानी होने पर क्लॉक और 80 प्रतिशत से अधिक पानी भरा होने पर चॉक का मैसेज प्राप्त होता है। चैंबर में 50 से 80 प्रतिशत पानी एकत्र होते ही वार्निंग का मैसेज मिलना शुरू हो जाएगा।
ऐसे करता है सिस्टम कार्य कंपनी के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर के अनुसार किसी सीवरेज चैंबर में पानी के लेवल की जानकारी सेंसर से कंट्रोलर तक पहुंचेगी। कंट्रोलर यह जानकारी मॉडम को भेजेगा। आगे यह जानकारी एप के माध्यम से निर्धारित पोर्टल अथवा मोबाइल नंबरों पर पहुंचेगी। इसमें जोन, लोकेशन, चैंबर नंबर सहित सीवरेज चैंबर जाम की स्थिति की जानकारी प्रत्येक मिनट की जानकारी मिलती रहेगी। यह सिस्टम विद्युत, सोलर ऊर्जा या बैट्री तीनों से चल सकता है। इसका बॉक्स चैंबर के नजदीकी विद्युत पोल पर लगेगा।
डेमो में जानी कार्यप्रणाली नगर निगम के अधीक्षण अभियंता ललित ओझा के अनुसार सीवरेज मॉनिटरिंग सिस्टम की कार्यप्रणाली, रखरखाव और इससे संबंधित सुविधाओं आदि की जानकारी प्राप्त की गई है। यह जानकारी निगम आयुक्त के समक्ष प्रेषित की जाएगी।डेमो के दौरान निगम एक्सईएन पवन बंसल, एईएन संजय ठोलिया, एईएन बजरंग कुमावत, जेईएन रमेश चौधरी,जेईएन रामचन्द्र चौधरी जेईएन दीपांशु अग्रवाल, सीवरेज अनुबंधित फर्म के प्रतिनिधि राजपाल यादव सहित कई क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
संभावनाएं तलाश रहे सीवरेज चैंबर पर हर पल नजर रखने के लिए सीवरेज मॉनिटरिंग सिस्टम की संभावना तलाश रहे है। इस सिस्टम को एक-दो सीवरेज चैंबर में लगाकर कम से कम 15 दिनों तक इसकी कार्यप्रणाली पर नजर रखी जाएगी। इसके परिणाम सकारात्मक आते है तो इस सिस्टम को कुछ स्थानों पर लगाने का निर्णय लिया जाएगा। इस सिस्टम को कहां-कहां लगाया जा सकता है, इसके लिए भी सर्वे कर सूची बनाई जाएगी।
मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम, बीकानेर।