यह कैसा उत्साह…. अक्षय तृतीया के अवसर पर बीकानेर शहर में जमकर पतंगबाजी हुई, पर दूसरी तरफ रेलवे ट्रेक के ऊपर कुछ युवक उत्साह में पतंग लूटते हुए नजर आए जहां हर थोड़ी देर में रेल गुजरती है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। फोटो नौशाद अली
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बीकानेर में अक्षय तृतीया पर घर की छत पर परिवार सहित पतंग बाजी करते लोग हर घर की छत से पतंगबाजी का दौर चलता रहा। डीजे, टेप, स्पीकर पर पारंपरिक गीत और बोई काट्या की गूंज रही। बच्चों से बजुर्गो तक व महिलाओं ने उत्साह के साथ पतंगबाजी की।फोटो- नौशाद अली
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बीकानेर अक्षय तृतीया के दिन बुधवार को बीकानेर शहर के लोग दिनभर छतों पर रहेसड़कें सूनी फोटो नौशाद अली
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तेज धूप और गर्मी के बावजूद लोग दिनभर पतंगबाजी का आनंद लेते दिखे। दोपहर 1 बजे तक 6 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रतार से चली हवाओं ने पतंगों को आसमान में चढ़ाई करने में साथ दिया। बाद में हवा धीमी होने पर जोश कुछ ठंडा पड़ा, लेकिन शाम 4 बजे के बाद फिर आसमान पतंगों से अट गया। बीकानेर नगर की स्थापना आखाबीज को हुई थी। संस्थापक राव बीकाजी ने चंदा उड़ाकर शहर की नींव रखी थी। तभी से परपरा चली आ रही है। यहां दो दिन पतंगबाजी परवान पर रहती है। बॉय काट्यो के गूंज के बीच छतों पर लगे स्पीकरों में बीकानेर स्थापना और आखातीज से जुड़े गीत गूंजते रहे। फोटो नौशाद अली`
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अक्षय तृतीया के अवसर पर बीकानेर शहर में जमकर पतंगबाजी हुई। शहरवासी शाम होते ही अपने घर की छतों पर चढ़कर पतंगबाजी करते हुए नजर आए। युवक अपनी अपनी छतों पर चढ़कर पतंग लूटना, उड़ाना और मस्ती करते नजर आए। महिलाओं ने भी खूब भागीदारी निभाई पक्षी होते रहे परेशान फोटो नौशाद अली