तकनीक से बदल रही डेयरी की दुनिया राजस्थान में डेयरी उद्योग तेजी से तकनीकी रूप से उन्नत हो रहा है। स्मार्ट डेयरी प्रबंधन से ग्रामीण युवाओं को नया अवसर मिल रहा है। युवा अब इसे पारंपरिक आजीविका नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित कारोबार के रूप में देख रहे हैं। डेयरी साइंस के कॉलेज, सरकारी योजनाएं, और वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए पशुपालक आधुनिक प्रबंधन की ओर बढ़ रहे हैं।
भारत ऐसे बना विश्व का दुग्ध महाशक्ति भारत का वर्ष 2023-24 में दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन रहा, जो विश्व का एक चौथाई है। देश के दूध उत्पादन में 45 फीसदी योगदान देशी गायों का है, जबकि 32त्न संकर नस्ल और 3 फीसदी बकरी के दूध से आता है। राजस्थान, यूपी, एमपी, गुजरात और आंध्र प्रदेश मिलकर देश के कुल उत्पादन का 53.99त्न देते हैं। राजस्थान का योगदान 14.51 फीसदी रहा। उत्तर प्रदेश के बाद प्रदेश दूसरे स्थान पर है। वैश्विक उत्पादन में 25त्न भारत का योगदान, डेयरी सेक्टर में 10 करोड़ लोगों को रोजगार, जिनमें 75त्न महिलाएं इस उपलब्धि पर गौरवान्वित करती हैं।
यह है भारत की नई ‘व्हाइट इकॉनमी’ राजस्थान, खासकर बीकानेर, दूध और उससे जुड़े उत्पादों के जरिए न केवल देश के पोषण सुरक्षा तंत्र को मज़बूत कर रहा है, बल्कि एक मज़बूत ग्रामीण आर्थिक मॉडल की दिशा में भी अग्रसर है। जरूरत है तो सिर्फ चुनौतियों से पार पाने और बिजनेस मॉडल को और अधिक सक्षम बनाने की।