बीकानेर में आखातीज पर शहर का आकाश रंग बिरंगी पतंगों से आच्छादित रहा। सुबह से प्रारंभ हुई पतंगबाजी शाम तक अनवरत जारी रही। हर घर की छत से पतंगबाजी का दौर चलता रहा। डीजे, टेप, स्पीकर पर पारंपरिक गीत और बोई काट्या की गूंज रही। बच्चों से बजुर्गो तक व महिलाओं ने उत्साह के साथ पतंगबाजी की। पतंगबाजी के दौरान शहर के आकाश में छाई पतंगे। फोटो नौशाद अली।
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नारी शक्ति भी पीछे नहीं: महिलाएं और बच्चियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। युवतियां रिश्तेदारों संग खुशी में सराबोर थिरकती नजर आईं। फोटो नौशाद अली।
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अक्षय तृतीया के अवसर पर बीकानेर शहर में जमकर पतंगबाजी हुई। शहरवासी पहले सुबह और फिर शाम होते ही अपने घर की छतों पर चढ़ कर पतंगबाजी करते हुए नजर आए। पतंग लूटने वालों की अपनी अलग ही अलमस्तगी थी। महिलाओं ने भी उमंग से हिस्सेदारी की। पतंगे भी उड़ाई। चरखी भी थामी और आतिशबाजी भी की। शाम के समय हल्की बूंदाबांदी के बाद मौसम खुशगवार हुआ, तो लोग छतों पर उमड़ पड़े। तरह-तरह की आतिशबाजी भी हुई। खान-पान के इंतजाम भी छतों पर किए गए थे। नौशाद अली
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थीम बेस्ड पतंगबाजी: एक ही तरह की साड़ी में पतंगबाजी का आनंद। फोटो नौशाद अली।
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पतंगबाजी के बाद आतिशबाजी: दिन ढलते ही घरों की छतों से अनार और रॉकेट छूटने लगे। फोटो नौशाद अली।