निगम ने अब तक जिन लोगों की लिस्ट कच्ची प्लॉटिंग के नाम पर सार्वजनिक की है, सभी किसान हैं। जबकि बिल्डरों को खुलेआम छूट मिल रही है। मंगला, कोनी, सकरी, सिरगिट्टी क्षेत्र में खुलेआम बिल्डर कच्ची प्लॉटिंग कर रहे हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में ऐसी सैकड़ों ज़मीनें हैं, जहां किसानों के नाम पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही है।
लेकिन निगम ज़मीनों की रजिस्ट्री पर तो रोक लगाने के लिए पंजीयक को पत्र लिख रहा है, पर ये अवैध प्लॉटिंग की खरीदी-बिक्री करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सड़कों के किनारे छतरी लगाकर और जगह-जगह प्रचार कर कच्ची प्लॉटिंग बेची जा रही है।
500 से अधिक ऑफिस कर रहे संचालन
शहर में वर्तमान में 500 से अधिक निजी स्तर पर जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए
भू-माफियाओं द्वारा ऑफिस संचालित हो रहे हैं, जहां बिना किसी वैधानिक अनुमति के ज़मीनों का सौदा हो रहा है। कई स्थानों पर तो कॉलोनाइज़र बिना टीएनसी की स्वीकृति और नक्शा पास कराए ही कॉलोनी काटकर बेच रहे हैं। लेकिन इन बिल्डरों के प्रोजेक्टों की जांच नहीं हो पा रही है।
जिनके नाम पर ज़मीन है, उनको नोटिस जारी किया गया है। अवैध प्लॉटिंग करने वाले सभी पर एक समान कार्रवाई की जा रही है। चाहे वो बिल्डर हो या किसी किसान की जमीन पर कच्ची प्लॉटिंग हो रही हो। – अमित कुमार, आयुक्त, नगर निगम