सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस की तकलीफ से लोग परेशान हैं। विशेषकर ऐसे लोग जो ज्यादा डेस्क वर्क करते हैं।
•Sep 21, 2018 / 05:02 am•
शंकर शर्मा
सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस की तकलीफ से लोग परेशान हैं। विशेषकर ऐसे लोग जो ज्यादा डेस्क वर्क करते हैं। वैसे तो यह आम समस्या है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप भी ले सकती है। यह समस्या स्त्री-पुरुष दोनों को हो सकती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद लगभग 60 प्रतिशत लोग इस बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं लेकिन आजकल बच्चों से लेकर युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। बच्चों के गलत ढंग से बैठने, लेटकर टीवी देखने या बिस्तर पर लेटकर पढऩे से लेकर खाने तक की आदत बन रही है।
बैठने का सही तरीका - गर्दन के दर्द को अनदेखा ना करें, डॉक्टर की बिना परामर्श के एक्सरसाइज या इलाज ना करें, बॉडी का पोश्चर ठीक रखें। नियमित व्यायाम और योग कर शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। विशेषज्ञ से बैठने का सही तरीका जान लें। लम्बे समय तक डेस्क वर्क और बिना ब्रेक के काम करने से भी सवाईकल स्पांडिलाइसिस हो सकता है। गलत तरीके से तकिया लगाने से भी दिक्कत होती है। गर्दन, बाजू व रीड की हड्डी में दर्द इसके प्रारम्भिक लक्षण होते हैं। डॉक्टर की परामर्श से राहत मिल सकती है।
लक्षण : गर्दन में दर्द, चक्कर आना, साथ ही बाजू में दर्द तथा हाथों का सुन्न होना, कभी-कभी गर्दन के आसपास की नसों में दर्द या सूजन भी आ जाती है।
कारण : बैठने का गलत तरीका, सिर झुकाकर काम करने, चोट लगने, भारी बोझ उठाने, अधिक ऊंचे तकिये पर सोने से बोन ट्यूमर व रीढ़ की हड्डी में संक्रमण आदि।
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