SEBI News: Arshad Warsi Wife Maria Banned For Trading
Arshad Warsi Wife Maria News: ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ जिसे ‘सेबी’ भी कहा जाता है, ने बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेटी और 57 अन्य लोगों पर सिक्योरिटीज बाजार में ट्रेडिंग करने पर एक से पांच साल तक की पाबंदी लगा दी है।
सेबी ने अरशद वारसी और उनकी पत्नी पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सेबी की जांच में सामने आया कि यूट्यूब चैनलों पर भ्रामक वीडियो अपलोड किए गए, जिनमें निवेशकों को सलाह दी गई थी कि वे साधना ब्रॉडकास्ट नामक कंपनी के शेयर खरीदें। इन वीडियो के जरिए शेयर की कीमतों में हेरफेर कर मुनाफा कमाया गया। अरशद वारसी ने इससे 41.70 लाख रुपये और उनकी पत्नी मारिया ने 50.35 लाख रुपये का लाभ कमाया।
क्या कहती है सेबी की रिपोर्ट?
सेबी की रिपोर्ट के अनुसार, 27 जून 2023 को दिए गए एक बयान में अभिनेता अरशद वारसी ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने केवल अपने नाम से ही नहीं, बल्कि अपनी पत्नी और भाई के खातों से भी ट्रेडिंग की थी। इसके अलावा, उनके कार्य से जुड़ी मैनेजर आहुति मिस्त्री की भी इस पूरे मामले में भूमिका रही।
सेबी ने सभी दोषियों को लगभग 58.01 करोड़ रुपये के अवैध लाभ सरकार को लौटाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, इस राशि पर सालाना 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का निर्देश भी जारी किया गया है।
सेबी ने बताया कौन है इस पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड?
सेबी ने इस घोटाले के मास्टरमाइंड के तौर पर गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और मनीष मिश्रा की पहचान की है। इसके अलावा, सुभाष अग्रवाल, जो साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (एसबीएल) के आरटीए निदेशक थे, मनीष मिश्रा और कंपनी के प्रमोटर्स के बीच बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे।
सेबी को कई निवेशकों से शिकायतें मिली थीं, जिनमें आरोप लगाया गया था कि एसबीएल के शेयरों की कीमतों में हेरफेर कर उन्हें बेचा गया है। इन शिकायतों में यह भी कहा गया था कि यूट्यूब पर फर्जी वीडियो डालकर लोगों को आकर्षित किया जा रहा है। इन वीडियो को अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए मार्केटिंग की गई थी। शिकायतकर्ताओं ने सेबी को यूट्यूब चैनलों और उन वीडियो के लिंक भी मुहैया कराए।
सेबी द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि एसबीएल के जिन शेयरों को बेचा जा रहा था, उनके पीछे वही लोग थे जो इन यूट्यूब चैनलों से जुड़े हुए थे। ये चैनल झूठी और भ्रामक जानकारियां फैलाकर शेयरों की कीमतें जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे थे, ताकि अधिक निवेशकों को लुभाया जा सके।
सेबी ने जांच के तहत 15 संबंधित लोगों के घरों, कार्यालयों और अन्य कार्यस्थलों पर छापेमारी की, जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए। साथ ही, इन लोगों से विस्तृत पूछताछ भी की गई।