- आपको किचन गार्डन शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली, और सतत जीवन की यात्रा कैसे शुरू हुई?
लगभग दो साल पहले मुझे जैविक खेती में रुचि हुई। रकुल और मैं स्वच्छ खानपान, स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति बहुत उत्साहित हैं। शोध से पता चला कि अधिक उपज के लिए खेती में इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों में रसायनों की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। चूंकि हम वही हैं जो हम खाते हैं, हमने अपने उपलब्ध स्थान में किचन गार्डन शुरू किया। मुंबई में बड़े बगीचे नहीं मिलते, लेकिन इच्छा हो तो रास्ता निकलता है। अब हम अपनी खपत के लिए सब्जियां उगाते हैं, और स्वाद व स्वास्थ्य में अंतर साफ दिखता है।
- क्या कोई खास पल या जानकारी (जैसे खाद्य श्रृंखला में कीटनाशकों का शोध) ने आपको अपनी सब्जियां उगाने के लिए प्रेरित किया?
कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से स्वास्थ्य संकट बढ़ रहा है। हमारे लिए निर्णायक पल यह समझना था कि भोजन का स्रोत स्वस्थ होना चाहिए। दूषित सब्जियाँ खाना किसी भी तरह से ठीक नहीं। यही कारण था कि हमने घर पर सब्जियां उगाने की कोशिश शुरू की।
- अपनी सब्जियां उगाने से आपके स्वास्थ्य, फिटनेस और स्वच्छ खानपान के दृष्टिकोण पर क्या प्रभाव पड़ा?
रकुल और मैं हमेशा स्वच्छ खानपान को लेकर सजग रहे हैं। चूंकि सब्जियों में कई विषाक्त पदार्थ होते हैं, घर पर उगाने से मानसिक शांति मिलती है। अब हम जानते हैं कि हमारा भोजन कहां से आता है, इसे कैसे उगाया जाता है, और इसमें क्या जाता है। मैंने यह भी सीखा कि सीमित स्थान में भी कुछ सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं।
- किचन गार्डन शुरू करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और आपने उन्हें कैसे पार किया?
हमने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा। अब हम जानते हैं कि छोटे पौधों और बड़े पेड़ों को कितना पानी देना है, कितनी खाद डालनी है, और कोमल पौधों को धूप से कैसे बचाना है। शुरुआत में हमारी एक गलती थी कि हमने सब्जियों को खुले आसमान में छोड़ दिया, और पक्षियों ने उन पर दावत उड़ा दी! अब हम पौधों को छायादार स्क्रीन से बचाते हैं।
- अपार्टमेंट में सीमित स्थान वाले लोग किचन गार्डन कैसे शुरू करें? आप किन शुरुआती पौधों या जड़ी-बूटियों की सलाह देंगे?
कंटेनर गार्डनिंग छोटे स्थानों के लिए समाधान है। जड़ी-बूटियां कहीं भी उगाई जा सकती हैं, जैसे खिडक़ी की सिल पर गमलों में। रकुल और मैं ऐसी तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जो सभी को कहीं भी बागवानी शुरू करने में मदद करें। जल्द ही हम कुछ रोमांचक समाधान लाएँगे।
- शहरी क्षेत्रों जैसे आपके टेरेस पर भोजन उगाने के लिए कौन सी तकनीकें (जैसे कंटेनर गार्डनिंग, वर्टिकल गार्डनिंग) सबसे प्रभावी पाईं?
बागवानी सीमित संसाधनों में भी हो सकती है। बड़े स्थान की जरूरत नहीं; कंटेनर में सब्जियां उगाई जा सकती हैं। वर्टिकल गार्डनिंग भी एक विकल्प है, हालाँकि इसके लिए विशेष रखरखाव और ज्ञान चाहिए। हमारे लिए जैविक खाद गेम-चेंजर रही। हम लागत-प्रभावी बागवानी समाधानों पर काम कर रहे हैं।
- आप और रकुल प्रीत सिंह घर में उगाई सब्जियों को अपने भोजन में कैसे शामिल करते हैं, और यह आपके स्वास्थ्य लक्ष्यों में कैसे योगदान देता है?
रकुल और मैं सतत जीवनशैली की ओर बढ़ रहे हैं और घर की बागवानी आत्मनिर्भरता और स्वच्छ खानपान का सही कदम है। हम जो उगाते हैं, उसे पकाते हैं—जड़ी-बूटियां, कद्दू, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, भिंडी, करेला आदि। यह हमारे स्वास्थ्य लक्ष्यों को बढ़ावा देता है।
- आपने कहा कि बीज से पौधा उगाना संतुष्टिदायक है। बागवानी के सफर का कोई यादगार पल जो आपको खुशी या उपलब्धि का अहसास दे?
कुछ भी नहीं से फलने-फूलने तक का सफर देखना अद्भुत है। बीज से सब्जी या फल बनते देखना जादुई है। घर के बैंगन का सलान किसी रेस्तरां के व्यंजन से बेहतर लगता है, क्योंकि सामग्री ताज़ा और पौष्टिक होती है।
- किचन गार्डनिंग पर्यावरणीय लक्ष्यों, जैसे कीटनाशक कम करना या जैव विविधता बढ़ाना, में कैसे योगदान देती है?
कीटनाशक और उर्वरक न इस्तेमाल करने से पर्यावरण, शरीर और स्वास्थ्य को लाभ होता है। यह स्वचालित रूप से पर्यावरण के लिए बेहतर है।
- एक सार्वजनिक हस्ती के रूप में, आप बागवानी या पौधारोपण जैसे सतत अभ्यासों को अपनाने के लिए दूसरों को कैसे प्रेरित करना चाहेंगे?
रकुल और मैं सतत और लागत-प्रभावी बागवानी समाधानों पर काम कर रहे हैं। रसायन-मुक्त उत्पादन श्रमसाध्य या महंगा नहीं होना चाहिए। सभी को स्वस्थ भोजन उगाने और वहन करने का मौका मिलना चाहिए। - इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आप अपने प्रशंसकों और जनता को सतत जीवन की महत्ता के बारे में क्या संदेश देना चाहेंगे?
पर्यावरण की रक्षा करें और ग्रह को कुछ लौटाएं। “पर्यावरण है तो हम हैं, इसलिए हमें इसे सुरक्षित, स्वच्छ और साफ रखना चाहिए।” हमारा जीवन और कल्याण ग्रह के स्वास्थ्य से जुड़ा है, इसलिए हमें इसे बेहतर बनाना होगा—अपने लिए और भावी पीढिय़ों के लिए।