भारत के प्रमुख अरबपति गौतम अडानी व इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। (फोटो: एएनआई)
Adani Israel Investment 2025: इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच जंग ( Israel-Iran War) चल रही है। इजराइल को रक्षा कवच की जरूरत है। भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) ने इज़राइल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हाइफा पोर्ट (Haifa Port) में लगभग यानि 10,000 करोड़ का निवेश (Adani Israel Investment) कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। यह डील सिर्फ एक पोर्ट की खरीद नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक आर्थिक रणनीति और भू-राजनीतिक उपस्थिति का प्रतीक मानी जा रही है।अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) ने इज़राइली कंपनी गैडोट समूह (Gadot Group) के साथ मिल कर हाइफा पोर्ट की 70% हिस्सेदारी खरीदी है।
सौदे की कुल राशि: लगभग 9,830 करोड़ से 10,020 करोड़ तक
जानकारी के अनुसार यह बंदरगाह इज़राइल के सबसे व्यस्त और रणनीतिक रूप से अहम पोर्ट्स में से एक है, जहां से यूरोप और मध्यपूर्व के लिए वाणिज्यिक जहाजों का संचालन होता है।
भारत-मध्यपूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) का प्रवेश द्वार
हाइफा पोर्ट अब India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEC) का अहम हिस्सा बन गया है — यह वही प्रोजेक्ट है जिसे अमेरिका, भारत, यूएई और यूरोपीय यूनियन का समर्थन प्राप्त है।
इससे भारत को सीधा लाभ मिलेगा
तेज़ लॉजिस्टिक्स। कम शिपिंग लागत। स्ट्रेटेजिक ट्रेड गेटवे का नियंत्रण।
जोखिम भी कम नहीं: ईरान-इज़राइल तनाव में फंसा बंदरगाह
अप्रैल 2024 में जब इज़राइल और ईरान के बीच सीधा सैन्य टकराव हुआ, तब हाइफा पोर्ट को निशाना बनाया गया। हालांकि नुकसान सीमित रहा, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया कि यह निवेश भौगोलिक और सैन्य जोखिमों से अछूता नहीं है।
गौतम अडानी ने प्रतिक्रिया दी, “यह केवल बंदरगाह नहीं, बल्कि भारत के लिए रणनीतिक प्रवेश द्वार है। जहां जोखिम हैं, वहीं अवसर भी छिपे होते हैं।”
ड्रोन और डिफेंस डील: अडानी-इज़राइल की टेक्नोलॉजी साझेदारी
अडानी ग्रुप ने इज़राइल की प्रमुख रक्षा कंपनी Elbit Systems के साथ मिलकर भारत में हाई-टेक ड्रोन ‘Drishti‑10 Starliner’ बनाने की शुरुआत की है। यह UAV भारतीय नौसेना और थलसेना के लिए निगरानी और गश्त में उपयोग हो रहा है। इससे ‘Make in India – Make for the World’ अभियान को रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाई मिली है।
AI लैब और सेमीकंडक्टर प्लान – भविष्य की चालें
अडानी ग्रुप ने हाइफा में एक AI इनोवेशन लैब शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे पोर्ट ऑटोमेशन, कंटेनर ट्रैकिंग, और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स को बल मिलेगा। वहीं, इज़राइल में ईरान-इज़राइल संकट के कारण सेमीकंडक्टर यूनिट खोलने की योजना फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
अडानी नेटवर्थ और प्रभाव
गौतम अडानी भारत के सबसे बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट और अडानी ग्रुप के संस्थापक हैं। उनका कारोबार ऊर्जा, पोर्ट्स, एग्रीकल्चर, रियल एस्टेट, एयरपोर्ट, डिफेंस, और कई अन्य सेक्टरों में फैला हुआ है।
नेटवर्थ का वर्तमान आंकड़ा (2025 के अनुसार):
स्रोत
अनुमानित नेटवर्थ (USD में)
अनुमानित नेटवर्थ (INR में)
Bloomberg Billionaires Index
$66.8 बिलियन
लगभग ₹5,57,380 करोड़*
Forbes Real-Time Billionaires
$59.6 बिलियन
लगभग ₹4,96,860 करोड़*
Hurun India Rich List 2025
$53.5 बिलियन
लगभग ₹4,45,000 करोड़*
यानि अडानी आज भी भारत के टॉप-2 अमीरों में शामिल हैं, और वैश्विक रैंकिंग में 27वें से 30वें स्थान के बीच बने हुए हैं।
अडानी ग्रुप के प्रमुख सेक्टर्स और उनकी भूमिका नेटवर्थ में
सेक्टर
योगदान का अंदाज़ा (%)
मुख्य प्रोजेक्ट्स / कंपनियां
पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स
35%
Adani Ports & SEZ Ltd. (APSEZ)
ऊर्जा (Renewable + Thermal)
25%
Adani Green Energy, Adani Power
एग्री-बिजनेस
10%
Adani Wilmar, FMCG सेक्टर
डिफेंस और टेक्नोलॉजी
10%
Elbit Systems साझेदारी, ड्रोन प्रोडक्शन
रियल एस्टेट और एयरपोर्ट्स
15%
Adani Airports, Real Estate Developments
अन्य
5%
डेटा सेंटर, डिजिटल, वित्तीय सेवाएं
नेटवर्थ बढ़ने के मुख्य कारण
हाइफा पोर्ट, इज़राइल डील (लगभग 10,000 करोड़ का निवेश)।
पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) की मजबूती। नई ऊर्जा (Renewable Energy) सेक्टर में विस्तार। डिफेंस और ड्रोन टेक्नोलॉजी में साझेदारी। मल्टी-सेक्टोरियल निवेश, जैसे एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर, और इन्फ्रा स्ट्रक्चर।
इस संबंध में विशेषज्ञों की राय जानें
राजनयिक विश्लेषक, डॉ. अश्विन खन्ना के शब्दों में ,हाइफा पोर्ट डील से भारत पश्चिम एशिया में न केवल आर्थिक, बल्कि रणनीतिक रूप से भी एक निर्णायक खिलाड़ी बन गया है।”
डिफेंस एक्सपर्ट, ब्रिगेडियर (सेनि.) राहुल दीवान के शब्दों में, “Elbit के साथ साझेदारी भारत के लिए एक रक्षा क्रांति है। ड्रोन्स और AI अब जंग का भविष्य हैं – और अडानी इस दौड़ में सबसे आगे हैं।”
भविष्य की संभावनाएं
IMEC कॉरिडोर के तहत ग्लोबल लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी। डिफेंस टेक्नोलॉजी में स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना। AI, सेमीकंडक्टर और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश। नई ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स का वैश्विक विस्तार।
भारत की विदेश नीति, व्यापार और सुरक्षा रणनीति का शक्तिशाली विस्तार
बहरहाल गौतम अडानी का हाइफा पोर्ट में 10,000 करोड़ का निवेश केवल एक कॉरपोरेट डील नहीं, बल्कि भारत की विदेश नीति, व्यापार और सुरक्षा रणनीति का शक्तिशाली विस्तार है। इसमें जोखिम तो हैं, लेकिन अवसर उससे भी बड़े हैं।