ज्यादा अंशदान सहित कई विकल्प मिलेंगे
उदाहरण के लिए एक श्रमिक हर महीने
पेंशन खाते में 3,000 रुपए का योगदान करता है और बीच में उसके पास 30,000 या 50,000 रुपए की व्यवस्था है तो वह उस राशि को भी अंशदान के तौर पर जमा करा सकेगा। इसके अलावा पेंशन शुरू करने से संबंधित अवधि का भी चयन करने का विकल्प मिलेगा, जैसे अभी 58 साल है तो अशंदाता इसे 60 की उम्र में भी शुरू करा सकता है।
रोजगार की बाध्यता नहीं होगी
सरकार की कोशिश है कि पेंशन योजना का लाभ हर व्यक्ति को मिल सके। इसके लिए रोजगार की बाध्यता भी नहीं होगी। यानी अगर कोई अपनी दुकान चलाता है और वह अपनी बचत की कुछ धनराशि
पेंशन के तौर पर भविष्य के लिए सुरक्षित करना चाहता है तो वह भी
योजना से जुड़ सकेगा। योजना से जुड़ने की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष होगी, लेकिन उसके बाद भी कोई भी व्यक्ति इसमें योगदान देना शुरू कर सकता है। श्रम मंत्रालय विशेषज्ञों और तमाम असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों से राय ले रहा है। अनुमान है कि वर्ष 2036 तक देश में कुल बुजुर्गों की संख्या 22 करोड़ से अधिक होगी।