बेसिक सैलरी में मर्ज होगा DA
ऐसा अनुमान है कि जनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता (DA) 61 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। नियमों के मुताबिक, नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों का DA शून्य (0) कर दिया जाता है और इसे मूल वेतन में समायोजित कर लिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है। हालांकि, यह चर्चा भी चल रही है कि केवल 50 प्रतिशत DA को ही मूल वेतन में शामिल किया जाएगा, जबकि बाकी 11 प्रतिशत को मर्ज नहीं किया जाएगा। फिर भी, इस मुद्दे पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और सरकार ने भी इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। यह सब नए आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा।
0 से शुरू होगी कैलकुलेशन
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के नए मूल वेतन पर महंगाई भत्ते (DA) की गणना शुरू होगी, जो शून्य (0) से शुरू होगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 34,200 रुपये है, तो जनवरी 2026 से उसका DA शून्य होगा। इसके बाद जुलाई 2026 में इसमें 3-4 प्रतिशत (जो भी उस समय DA तय होगा) की बढ़ोतरी होगी। फिर इसी आधार पर आगे की गणना चलती रहेगी। DA के शून्य होने का असर अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा।
क्यों 0 होगा महंगाई भत्ता?
नए वेतनमान के लागू होने पर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में शामिल कर लिया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नियम कहता है कि कर्मचारियों को मिलने वाला पूरा 100 प्रतिशत DA मूल वेतन में जोड़ा जाना चाहिए, लेकिन वित्तीय मजबूरियों के कारण ऐसा हमेशा संभव नहीं हो पाता। हालांकि, 2016 में ऐसा किया गया था। उससे पहले, 2006 में छठे वेतनमान के लागू होने पर पांचवें वेतनमान के तहत दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था, जिसे पूरी तरह मूल वेतन में समायोजित कर दिया गया था। इसीलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 रखा गया था। उस समय नए वेतन बैंड और ग्रेड वेतन भी पेश किए गए थे, हालांकि इसे लागू करने में तीन साल का समय लगा था।
कब होगा लागू?
विशेषज्ञों का कहना है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। उस समय महंगाई भत्ता (DA) को शून्य कर दिया जाएगा। इस दौरान DA को मूल वेतन में समायोजित किया जाएगा और फिर इसकी गणना शून्य से शुरू होगी।