आखिर भारत ने WTO से ऐसा क्या कहा ?
WTO को भेजे गए एक पत्र में भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी पहले दी गई अधिसूचना (12 मई) को प्रभावित किए बिना अमेरिका के उत्पादों और टैरिफ दरों में बदलाव करने का अधिकार रखता है। भारत ने कहा है कि यह कदम अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के जवाब में उठाया जा रहा है।
किन अमेरिकी उत्पादों पर लग सकता है शुल्क ?
भारत के अनुसार, जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिका में बने कुछ खास उत्पादों पर भी समान टैरिफ लगाया जाएगा। इससे भारत को नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। इन उत्पादों पर शुल्क लगने से अमेरिका से 7.6 बिलियन डॉलर का आयात प्रभावित हो सकता है, और इससे लगभग 3.82 बिलियन डॉलर का टैक्स भारत वसूल सकता है।
पहले कितना था अनुमान? अब कितना है ?
12 मई को भारत ने जो प्रारंभिक आकलन WTO को भेजा था, उसमें शुल्क वसूली का अनुमान 1.91 बिलियन डॉलर था। लेकिन अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के बाद यह आंकड़ा अब दोगुना यानी 3.82 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
भारत की पुरानी कार्रवाई और वर्तमान बातचीत
2018 में ट्रंप सरकार ने स्टील और एल्युमिनियम पर सुरक्षा के आधार पर 25% और 10% शुल्क लगाया था। इसके जवाब में भारत ने जून 2019 में अमेरिका के 28 उत्पादों, जैसे बादाम और अखरोट पर, अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए थे। भारत ने इस मुद्दे को WTO में भी उठाया था।
द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के बीच अहम कदम
यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह वाशिंगटन में व्यापार वार्ता के लिए जाएगा।