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माल्या की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैय्या ने कोर्ट में तर्क दिया कि किंगफिशर एयरलाइंस और UBHL की परिसमापन (लीक्विडेशन) प्रक्रिया पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में अंतिम रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि बैंकों ने पहले ही कर्ज़ की मूल राशि से कई गुना अधिक वसूली (vijay mallya) कर ली है, बावजूद इसके बैंकों द्वारा संपत्तियों की बिक्री और वसूली जारी है। 2017 के बाद से अब तक 6200 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी है। मेरी याचिका में एक आधिकारिक बयान संलग्न किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अब तक 10,200 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। यहां तक कि संसद में वित्त मंत्री ने कहा था कि कुल 14,000 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
बैंकों से पारदर्शिता की मांग
माल्या (vijay mallya) की याचिका में निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गई हैं—
- बैंकों द्वारा अब तक वसूली गई कुल राशि का विस्तृत विवरण।
- वसूली के दौरान बेची गई संपत्तियों और उनके स्वामित्व का रिकॉर्ड।
- बैंकों के कब्जे में मौजूद वह संपत्तियां, जिनका अभी तक उपयोग नहीं किया गया है, उनकी जानकारी।
UBHL की पुनर्बहाली की मांग
vijay mallya की याचिका का उद्देश्य कर्ज़ से बचना नहीं, बल्कि कंपनियों अधिनियम के तहत UBHL को पुनर्जीवित करने की अनुमति प्राप्त करना है। उन्होंने मांग की है कि यदि कर्ज़ पूरी तरह चुका दिया गया है, तो बैंकों को वसूली अधिकारी के माध्यम से एक प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए, जिसमें यह पुष्टि हो कि अब कोई बकाया नहीं है।
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विजय माल्या (vijay mallya) इस याचिका के माध्यम से यह साबित करना चाहते हैं कि उन्होंने बैंकों का कर्ज़ चुका दिया है और अब UBHL को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। अगर कोर्ट से उनके पक्ष में फैसला आता है, तो यह उनके लिए भारत में कानूनी वापसी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, बैंकों की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब 13 फरवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं।