FASTag Annual Pass की शुरुआत इस साल 15 अगस्त से होगी। यह उन कार, वैन या जीप वाले लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है, जो हाईवे पर ज्यादा सफर करते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ऐलान के बाद FASTag Annual Pass के FAQs (Frequently Asked Questions) भी जारी हो गए हैं। इनमें FASTag Annual Pass कैसे काम करेगा, कहां से एक्टिवेट कर सकते हैं और तमाम वो जानकारी दी है, जो FASTag Customer के लिए जरूरी है।
FASTag Annual Pass FAQs में 11वां सवाल हर FASTag Customer के दिमाग में गूंज रहा है। लोग अब तक 1 trip कब पूरी होगी, इसे लेकर असमंजस में हैं। FASTag Annual Pass FAQs में इसे ढंग से समझाया गया है। इसके मुताबिक दो तरह के Toll Plaza होते हैं:
1- Point Based Fee Plazas 2- Closed Tolling fee plazas
आपको जानकर हैरानी होगी कि FASTag Annual Pass की 1 trip दोनों प्लाजा पर अलग-अलग ढंग से पूरी होगी। अगर आप Highway पर Point Based Fee Plaza से पास होते हैं तो आपकी 1 Trip पूरी मानी जाएगी, लेकिन अगर Closed Tolling fee plaza से पास होंगे तो 1 trip पूरी नहीं होगी। यहां आपको वापस भी इसी प्लाजा से लौटना होगा, तब जाकर आपकी 1 Trip पूरी होगी।
दोनों Toll Plaza में फर्क समझिए
1- क्या होता है Point Based Fee Plaza
राष्ट्रीय राजमार्ग पर Point Based Fee Plaza का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 60 Km Rule काम करता है। किसी भी हाईवे पर आपको यह हर 60 किमी या उसके आसपास की दूरी पर मिल जाएंगे। अगर आप FASTag Annual Pass के साथ किसी हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो 1 Point Based Fee Plaza Toll क्रॉस करने का मतलब 1 Trip पूरी। अगर उसी Point Based Fee Plaza Toll से वापस लौटते हैं तो 2 Trip काउंट होगी।
Delhi-Chandigarh Highway है अच्छा उदाहरण
Delhi to Chandigarh के बीच हाईवे पर 4 टोल पड़ते हैं। इस दौरान हर Toll Plaza पर पेमेंट होगा।
2- क्या होता है Closed Tolling fee plazas
इस Toll Plaza के बारे में ऐसे समझा जा सकता है कि आपने एक तरफ से एंट्री ली और आपकी गाड़ी का नंबर रजिस्टर हो गया और जब आप वापस लौटे तो यात्रा पूरी मानी गई और उसका जो भी चार्ज बना वो काट लिया गया। वहीं अगर FASTag Annual Pass के साथ यात्रा कर रहे हैं और Closed Tolling fee plazas पड़े तो यहां आपको अपनी 1 Trip पूरी करने के लिए वापसी भी इसी प्लाजा से करनी होगी। उदाहरण के तौर पर ऐसे Closed Tolling fee plazas बाईपास, बड़े ब्रिज और टनल पर बनाए जाते हैं, जिन पर एंट्री और एक्जिट प्वाइंट होते हैं।