ये फीचर्स हों तभी लें
1- आइसीयू सहित रूम रेंट की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए।2- पॉलिसी में कोई को-पेमेंट या डिडक्टिबल्स नहीं होने चाहिए।
3- 60 दिन का प्रीहॉस्पीटेलाइजेशन कवरेज और 180 दिन का पोस्ट हॉस्पिटेलाइजेशन कवरेज होना चाहिए।
4- अधिकतम वेटिंग पीरियड 30 दिन का होना चाहिए। क्रिटिकल बीमारियों के लिए यह अवधि ज्यादा से ज्यादा 90 दिन हो।
5- पहले से मौजूद बीमारियों के लिए अधिकतम वेटिंग पीरियड 3 साल हो।
6- अस्पताल में भर्ती होने के दौरान डिस्पोजेबल वस्तुओं का कवरेज हो।
7- नो क्लेम बोनस सालाना कम से कम 50% से दोगुना तक होना चाहिए।
8- कैशलेस, अनलिमिटेड रेस्टोरेशन और रिम्बर्समेंट की सुविधा हो।
9- क्रिटिकल इल वेवर ऑफ प्रीमियम और टर्मिनेशनल इलनेस बेनिफिट भी हो।
10- किसी बीमारी पर कोई कैपिंग नहीं होनी चाहिए।
कैसे चुनें सही इंश्योरेंस
1- 97% से अधिक होना चाहिए बीमा कंपनी का 3 साल का औसत क्लेंम सेटलमेंट अनुपात2- 97% से अधिक मामलों में क्लेम का भुगतान 30 दिन के अंदर हुआ होना चाहिए
3- प्रति 10,000 क्लेम में 20 से कम होनी चाहिए पॉलिसीधारकों की शिकायतों की संख्या
4- बीमा कंपनी का सालाना कारोबार कम से कम 7500 करोड़ रुपए का होना चाहिए
ये सुविधाएं हों तो और भी अच्छा
1- फ्री-हेल्थ चेकअप, वैकल्पिक उपचार (आयुष) कवरेज, ओपीडी कवरेज।2- 5 लाख रुपए तक का होम केयर कवरेज, 5 लाख रुपए तक का एम्बुलेंस खर्च।
3- ई-कंसल्टेशन सुविधा, 5 लाख तक का डोनर कवरेज, टॉप-अप का विकल्प।
4- स्वास्थ्य बीमा में एक्सिडेंटस डेथ बेनिफिट भी होना चाहिए।
इन चीजों का रखें ध्यान
1- वयस्कों के लिए सम इंश्योर्ड कम से कम 10 लाख रुपए और बच्चों के लिए 5 लाख हो।2- पैन-इंडिया पॉलिसी और हॉस्पिटल का बड़ा नेटवर्क होना चाहिए।
3- इंश्योरेंस कंपनी भरोसेमंद हो और क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना अधिक उतना अच्छा।
4- हमेशा सुपर टॉप-अप को प्राथमिकता दें और बीमा में क्या शामिल नहीं है, इसकी जानकारी रखें।