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छिंदवाड़ा

हर दिन 50 लाख लीटर पानी हो रहा शुद्ध, किसान खेतों की सिंचाई में कर रहे उपयोग

जल संरक्षण की दिशा में सीवरेज योजना साबित हो रही है मील का पत्थर, ट्रीटमेंट प्लांट में मशीनों के जरिए शुरू हुआ जल शुद्धिकरण

छिंदवाड़ाApr 19, 2025 / 10:59 am

prabha shankar

Sewerage scheme

Sewerage scheme

शहर के 20 हजार से अधिक घरों को सीवरेज योजना के अंतर्गत पाइप लाइन से जोड़ा जा चुका है। इन घरों से निकलने वाला मल जल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच रहा, जहां जल को शुद्ध किया जा रहा है।यह मल जल अब तक खुली नालियों से नालों एवं जल स्रोतों तक पहुंच रहा था। इसमें अब धीरे-धीरे कमी आ रही है। फिलहाल करीब 50 लाख लीटर पानी का हर दिन शुद्धीकरण हो रहा है, जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बड़े टैंकों में एकत्र होने के बाद नालों के माध्यम से बहाया जा रहा है। इस पानी का इस्तेमाल किसान खेतों में सिंचाई के लिए कर रहे हैं।

सीवरेज योजना जल संरक्षण एवं जल शुद्धीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। जहां एक ओर इस जल का इस्तेमाल करने वाले किसान भूमिगत जल का कम से कम उपयोग करेंगे, वहीं नदी नालों को अशुद्ध कर रहे मल जल का शुद्धीकरण करके दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है। इस योजना में करीब 40 हजार घरों को जोड़ा जाना है।

पूर्णता की ओर है सीवरेज योजना

विश्व बैंक के सहयोग से वर्ष 2017 में छिंदवाड़ा शहर में सीवरेज लाइन बिछाने की योजना शुरू हुई थी, जो अब पूर्णता की ओर है। योजना का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू यह है कि अब खुली नालियों में बहने वाले मल-जल से निजात मिलेगी। वहीं दूसरा फायदा 28 मिलियन लीटर प्रति दिन ( एमएलडी) गंदे पानी को नदियों में मिलने से बचाया जा सकेगा। इस पानी को पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किया जाएगा। फिर इसे नालों के माध्यम से ही जल स्रोतों में छोड़ा जाएगा।

अब तक पांच बार बढ़ चुका है कार्यकाल

जुलाई 2017 से जून 2020 तक की समय सीमा में योजना का कार्य किया जाना था, लेकिन इसके पूरे होने में साढ़े चार साल का समय अतिरिक्त लग गया। पांच बार समय सीमा बढ़ाई गई। अभी भी कुछ कार्य शेष है, जो कि कम्पनी के मेंटनेंस के साथ चलेगा।

भारी भरकम ट्रांसफार्मर

सर्रा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में 900 केवीए एवं कोलाढाना पंपिंग स्टेशन में 500 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया जा चुका है। इधर, घरों के सीवरेज लाइन का कनेक्शन होने के साथ ही सर्रा, कोलाढाना में लगी मशीनें शुरू हो गई हैं। उपभोक्ताओं के घरों के शौचालयों से निकले मल जल को कोलाढाना पंपिंग स्टेशन से होते हुए सर्रा एसटीपी पहुंचाकर चार चरणों में शुद्ध किया जा रहा है। इन ट्रांसफार्मरों के चलने से करीब 9 लाख रुपए हर माह बिजली का बिल भी कंपनी ही वहन कर रही है।

सिंचाई के अलावा दूसरे कामों में भी हो सकता है इस्तेमाल

सीवरेज कंपनी के कार्यों का सुपरविजन कर रहे इंजीनियर राहुल ताम्रकार ने बताया कि ट्रॉयल रन में किसी प्रकार की समस्या नहीं आई। 28 मिलियन लीटर के चार बेसिन हैं, जिन्हें आने वाले 15 साल के लिए डिजाइन किया गया हैं। फिलहाल इन बेसिन में 10-12 मिलियन लीटर पानी करीब चार से पांच दिन में भर रहा है। बीच बीच में इस पानी को ट्रीट करके नाले में छोड़ा जा रहा है किसान अपनी मोटर लगाकर पानी से खेतों में सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 3-4 माह ठोस अपशिष्ट निकलने की संभावना भी नही हैं। सिंचाई के साथ ही एवं दमकल को भी पानी देने की योजना है।

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