पुलिस थाने में नगर निगम की ओर से पांच अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एफआइआर की गई है। इनमें अशोक पिता शिवराम, केशव पिता टीकाराम, दिनेश कुमरे, देवेंद्र रघुवंशी और राहुल अग्रवाल के नाम बताए गए हैं। इनमें चार एफआइआर देहात थाना और एक कोतवाली थाना में होना बताई गई है।
इनके अलावा कॉलोनाइजर रूपलाल पिता खडगू निवासी खजरी, खजरी खसरा नं. 358/1/1 व अन्य 36 खसरो का रकबा 1.619 हेक्टेयर भूमि, राहुल अग्रवाल पिता राजकुमार अग्रवाल निवासी छिंदवाड़ा वार्ड नं. 38 स्थित चंदनगांव खसरा नं. 156/2 का रकबा 0.527 80 भूमि, देवराव पिता काशीनाथ निवासी छिंदवाड़ा लोनिया करबल खसरा नं. 261/4/1 कुल रकबा 1.050 हेक्टेयर भूमि एवं दीपक पिता महादेव निवासी लोनिया करबल, लोनिया करबल स्थित भूमि खसरा नं. 19/2/1 का कुल रकबा 1.300 हेक्टेयर भूमि है।
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इन सभी पर कॉलोनी विकास की अनुज्ञा लिए बिना भूमि का उप विभाजन कर विक्रय करने का आरोप है। नगर निगम के अभिलेखों में इन सभी भू स्वामियों के नाम से कॉलोनाइजर लाइसेंस नहीं पाया गया।
अतिरिक्त कलेक्टर छिंदवाड़ा के जांच दल व तहसीलदार के प्रतिवेदन में पाया गया कि सभी भू स्वामियों ने भूखण्डों का विक्रय किया है। सक्षम प्राधिकारी से कोई विकास अनुमति नहीं ली गई है और न ही कॉलोनी में सड़क, नाली, पानी की समुचित व्यवस्था की गई है।
खास बात यह है कि नगर निगम की पहले जारी अवैध कॉलोनाइजर्स की सूची में बड़े नेता और उनके रिश्तेदारों के नाम सामने आए थे, जिन पर निगमायुक्त ने एफआइआर दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। इनमें से अब तक किसी पर एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई है। इसके अलावा शहर के बड़े कॉलोनाइजर्स के नाम सामने नहीं आए हैं। इससे निगम अधिकारी अब भी संदेह के दायरे में हैं। हालांकि नगर निगम के सूत्र बताते हैं कि आखिरकार सभी कॉलोनाइजर्स पर शिकंजा कसा जाएगा।